NEWS BY: Pulse24 News
हजारीबाग, झारखण्ड – विनोबा भावे विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग ने शनिवार, 25 जनवरी 2025 को दीपुगरहा, हजारीबाग स्थित प्रसिद्ध संस्कृत संग्रहालय और आर्ट गैलरी का एक अत्यंत समृद्ध और शैक्षिक भ्रमण आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का अन्वेषण करने का अवसर प्रदान करना था, जिससे कला, इतिहास और अर्थशास्त्र के बीच के गहरे संबंधों को समझने में मदद मिल सके। इस भ्रमण में छात्रों ने संस्कृत संग्रहालय का गहन दौरा किया, जहाँ उन्होंने प्राचीन पांडुलिपियों, मूर्तियों और उन कलाकृतियों का अवलोकन किया, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत को उजागर करती हैं। गैलरी में स्थानीय और क्षेत्रीय कलाकारों की पेंटिंग और कलाकृतियों को भी प्रदर्शित किया गया, जो समय के साथ कला और संस्कृति पर आर्थिक और सामाजिक प्रभाव को दर्शाती हैं। इस शैक्षिक दौरे का नेतृत्व आर्थिक विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. उमेंद्र सिंह ने किया। उन्होंने ऐसे भ्रमणों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “कला और संस्कृति का आर्थिक विकास से गहरा संबंध है। इन तत्वों का अध्ययन करके छात्र हमारी समाज की आर्थिक इतिहास और सांस्कृतिक पूंजी के बारे में एक व्यापक दृष्टिकोण प्राप्त कर सकते हैं।”
छात्रों ने प्रदर्शनों के साथ सक्रिय रूप से सहभागिता की और धरोहर संरक्षण तथा क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने में सांस्कृतिक संस्थानों की भूमिका पर चर्चा की। भ्रमण का समापन एक इंटरैक्टिव सत्र के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने अपने अनुभव और विचार साझा किए। आर्थिक विभाग ने संस्कृत संग्रहालय और आर्ट गैलरी के प्रबंधन को उनकी गर्मजोशी और छात्रों को अविस्मरणीय शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।यह भ्रमण विभाग की अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों में अर्थशास्त्र, संस्कृति और धरोहर के अंतर्संबंधों की सराहना विकसित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।इस शैक्षिक भ्रमण में भाग लेने वाले शोध छात्र थे:पुष्कर कुमार पुस्प, पल्लवी कुमारी, आरती मेहता, रेशु कुमार, संतोष पंडित और पंकज बर्णवाल।