NEWS BY: Pulse24 News
उत्तरकाशी में आत्मनिर्भरता की दिशा में काश्तकारों ने कीवी की खेती को अपनाया है। उद्यान विभाग की ओर से इस खेती को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विभाग ने कीवी के बॉक्स जैसे आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए हैं, जिससे किसान आसानी से इस खेती को अपना सकें। धोंत्री में “जायका प्रियोजना” के तहत भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है।
40 से अधिक किसान कर रहे कीवी की खेती
उत्तरकाशी में अब तक 40 से अधिक काश्तकार कीवी की खेती कर रहे हैं। यह खेती न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि वे इसका उपयोग गरीब और असहाय लोगों में वितरण कर रहे हैं। इस पहल से कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिल रहा है और किसानों को आर्थिक लाभ भी हो रहा है।
कश्तकारों की प्रेरणा
गोविंद सिंह गुसाईं, एक कश्तकार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान से प्रेरित होकर उन्होंने कीवी की खेती शुरू की। उन्होंने यह भी बताया कि इस खेती में जानवरों का कोई नुकसान नहीं होता, जिससे यह एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प है। परमेश्वर नौटियाल ने कहा कि पहाड़ों में कीवी की खेती की उपज अच्छी हो सकती है और यह युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान कर सकती है।
नौजवानों के लिए बेहतर रोजगार के अवसर
यह खेती न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा कर रही है। किसान अब अपने प्रयासों से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।