News By:Pulse24 News Desk
देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य में प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 7 जनपदों के 15 ब्लॉकों में 128 जनजाति बाहुल्य ग्रामों का चयन किया गया है। इस योजना का उद्देश्य जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है, जिससे बुनियादी सुविधाओं का विकास, आर्थिक सशक्तीकरण, अच्छी शिक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जा सके।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी जनजातीय ग्रामों में कैम्प लगाकर जनजातीय समुदायों के लोगों को जनजाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाएं। यह कदम जनजातीय लोगों की पहचान और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
17 विभागों का सहयोग
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कार्य करने वाले सभी 17 विभागों को अपने-अपने नोडल अधिकारियों को नामित करने का निर्देश दिया है। ये नोडल अधिकारी आगामी 27 सितम्बर को प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के संबंध में जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित मंथन शिविर में भाग लेंगे। इस शिविर में विभागों को अपनी कार्ययोजनाओं को प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा, जिससे योजना के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकेंगे।
योजना की महत्वपूर्ण पहलें
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि पीएम उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन, और विद्युतीकरण योजनाओं के शत प्रतिशत कवरेज के लिए सभी जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में कैम्प लगाएं। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि ये योजनाएं सही ढंग से लागू हों और जनजातीय समुदायों को इसका लाभ मिल सके।
इसके अलावा, 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के शुभारंभ के अवसर पर जिला स्तर पर चयनित प्रत्येक ग्राम में कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया है। इससे जनजातीय समुदायों के लिए योजनाओं की जानकारी और लाभ को बढ़ावा मिलेगा।
मंथन शिविर की तैयारी
मुख्य सचिव ने 27 सितम्बर को आयोजित होने वाले मंथन शिविर की तैयारी को लेकर सभी 17 विभागों को अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह शिविर जनजातीय कार्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
समीक्षा बैठक में हुई चर्चा
सचिवालय में आयोजित एक समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने योजना के सभी पहलुओं पर चर्चा की। बैठक में सचिव श्री सचिन कुर्वे, डा. बी वी आर सी पुरुषोत्तम, अपर सचिव डा. नीरज खैरवाल, श्री सी रविशंकर और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
इस बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया को गति दें और सुनिश्चित करें कि सभी योजनाएं समय पर पूरी हों। उन्होंने जनजातीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी अधिकारियों को सजग रहने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना का उद्देश्य जनजातीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार करना है। इसके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, और बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर दिया जाएगा। मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार, यह योजना जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और उन्हें मुख्यधारा में लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
उत्तराखण्ड राज्य में यह पहल न केवल जनजातीय समुदायों के लिए बल्कि समग्र विकास के लिए भी आवश्यक है। योजना के सफल कार्यान्वयन से जनजातीय लोगों को आवश्यक सेवाएं मिलेंगी और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।