News By:Pulse24 News Desk
मेरठ: जनपद मेरठ के कलेक्ट्रेट पर शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे की स्थानीय इकाई ने डूडा कार्यालय में गरीबों के साथ हुई मनमानी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रमुख पदाधिकारियों ने जिला अधिकारी के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी शिकायतें और मांगें रखीं।
प्रदर्शन की पृष्ठभूमि:
शिवसेना के नेताओं ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 2015 में लागू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी गरीबों को 2022 तक पक्के आवास उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन डूडा कार्यालय ने गरीबों के आवास आवंटन में भेदभाव करते हुए संपन्न वर्ग के लोगों को पक्के घर आवंटित कर दिए हैं, जबकि झोपड़पट्टी में रहने वाले गरीब परिवारों को आज तक आवास नहीं मिल पाया है।
धर्मेंद्र तोमर का बयान:
प्रदेश महासचिव और पश्चिमी यूपी के प्रभारी धर्मेंद्र तोमर ने कहा, “डूडा कार्यालय को गरीबों से आवेदन लेकर योजना को पूर्ण करने का आदेश दिया गया था, लेकिन अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। इससे गरीबों का हनन हो रहा है और उन्हें पक्के मकान नहीं मिल रहे। यह स्थिति केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ईमानदारी को भी प्रभावित कर रही है।”
गरीबों की आवाज़:
प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ नारों के साथ अपनी आवाज उठाई। उन्होंने मांग की कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को निलंबित किया जाए और नई पीढ़ी को नौकरियों पर नियुक्त किया जाए।
सामाजिक न्याय की आवश्यकता:
शिवसेना के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि गरीबों को उनके अधिकार मिले और समाज में समानता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों की मनमानी जारी रही, तो वे आगामी दिनों में और अधिक कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।
इस प्रदर्शन ने साफ संदेश दिया कि गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए जनता एकजुट है और वह अपनी आवाज उठाने से नहीं हिचकेगी। कलेक्ट्रेट पर यह प्रदर्शन सरकार के लिए एक चेतावनी है कि उसे गरीबों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए।