NEWS BY: Pulse24 News
कोटद्वार , उत्तराखंड – नगर निगम के दूसरे मेयर शैलेंद्र सिंह रावत के सामने भी चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। कोटद्वार में अधूरा पड़ा मोटर नगर बस अड्डा, ट्रंचिंग ग्राउंड, आपदा से जूझता समूचा क्षेत्र, पार्किंग सुविधाओं का अभाव और अतिक्रमण सहित कई मुद्दे नवनिर्वाचित मेयर के सामने चुनौती पेश करेंगे। इससे पहले वर्ष 2018 में हुए नगर निगम के पहले चुनाव में वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी की धर्मपत्नी हेमलता नेगी के सिर पहली मेयर का ताज सजा था। बीते पांच सालों में कांग्रेस की मेयर का भाजपा सरकार से मतभेद होने के कारण ज्यादातर समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया था। अब दूसरे मेयर के सामने भी वही समस्याएं खड़ी हैं। मोटर नगर में प्रस्तावित अत्याधुनिक बस अड्डे का निर्माण ठप पड़ा हुआ है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बस अड्डा न होने से नगर में यातायात व्यवस्था और पार्किंग बड़ी चुनौती बना हुआ है। नगर पालिका के कार्यकाल में खोह नदी के किनारे ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया गया था, लेकिन ग्राउंड की जगह बहुत कम होने के कारण अभी तक भी वृ निस्तारण सही तरह से नहीं हो पा रहा है। नगर निगम बनने के बाद भाबर और स्नेह की 35 ग्रामसभाओं के 73 गांवों के कूड़ा निस्तारण के लिए ट्रंचिंग ग्राउंड की व्यवस्था भी उनके समक्ष चुनौती पेश करेगा। उनके लिए शहर में हर जगह अतिक्रमण के कारण होने वाली असुविधा और जाम की समस्या से निजात दिलाना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।