NEWS BY: Pulse24 News
चतरा , झारखण्ड – चतरा जिले के इटखोरी अवस्थित ख्याति प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थान भद्रकाली महाविद्यालय एवं भद्रकाली इंटर कॉलेज का 40 वां स्थापना दिवस समारोह रंगारंग कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ। स्थापना दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दुलार ठाकुर के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इटखोरी के विकास पुरुष एवं महाविद्यालय के संस्थापक सचिव कुमार यशवंत नारायण सिंह,तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध समाजसेवी देवकुमार सिंह,झारखंड राज्य के विख्यात योगगुरु संन्यासी,शंकर चंद्रवंशी,और समाजसेवी पवन शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद माता सरस्वती,देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सहित सभी भूदाताओं को पुष्पांजलि अर्पित किया गया। कार्यक्रम का विषय प्रवेश कराते हुए प्रो. ललित मोहन सिन्हा ने देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद और भूमि दाताओं को नमन करते हुए कहा कि आज से 40 वर्ष पूर्व कुमार यशवंत नारायण सिंह ने इटखोरी में उच्च शिक्षा का जो बीज बोया था, वह आज पुष्पित और पल्लवित हो रहा है। शैक्षणिक,सामाजिक,धार्मिक सहित इटखोरी के सर्वांगीण विकास के लिए इन्होंने विकास पुरुष की भूमिका निभाई।
साथ ही वर्तमान सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार सिंह के द्वारा महाविद्यालय में किए गए रचनात्मक और विकास कार्यों का उल्लेख किया।संस्थापक सचिव कुमार यशवंत नारायण सिंह ने छात्र छात्राओं को अनुशासित रहकर अध्ययन करने पर जोर दिया। उन्होंने महाविद्यालय के लिए भूमि दान देने वाले भूदाताओें के प्रति आभार व्यक्त किया मुख्य अतिथि देव कुमार सिंह ने कहा कि यह महाविद्यालय गरीब छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने का एक मात्र संस्थान है।योग गुरु शंकर चंद्रवंशी ने कहा कि पिछले 40 वर्षो की विकास यात्रा में यहां से हजारों छात्र छात्राएं सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।प्राचार्य डॉक्टर दुलार ठाकुर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में संस्थापक सचिव कुमार यशवंत नारायण सिंह के त्याग और समर्पण के लिए उन्हें धन्यवाद दिया साथ ही महाविद्यालय के वर्तमान सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार सिंह की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन से ही यह महाविद्यालय तेजी से विकास कर रहा है, अनुशासन, पठन पाठन और विकास में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।भूदाताओं को नमन करते हुए कहा कि उनके त्याग को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जीवनी और आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए छात्र छात्राओं को उसका अनुकरण करने को कहा।