• Home
  • राजनीति
  • महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने से राजनीतिक उबाल: विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन
Image

महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने से राजनीतिक उबाल: विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

Spread the love

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले ने राज्य में राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है। इस घटना के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें अमरावती में विपक्ष पार्टी ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

कोल्हापुर में मूर्ति गिरने की घटना
कोल्हापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना ने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया। यह घटना स्थानीय प्रशासन और सरकार की ओर से शिवाजी महाराज के प्रति अनादर के रूप में देखी जा रही है। जनता के बीच आक्रोश और नाराजगी का माहौल है, और इस घटना के खिलाफ राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

अमरावती में विपक्ष का प्रदर्शन
अमरावती में विपक्ष पार्टी ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें पूर्व विधायक देशमुख ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। देशमुख ने कहा कि चुनाव में लोगों के वोट पाने की जल्दबाजी में सरकार ने मूर्ति खड़ी की, लेकिन इस प्रक्रिया में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्प समय में निस्कृष्ट दर्जे का काम कर शिवाजी महाराज की मूर्ति का निर्माण किया गया, जिससे यह हादसा हुआ।

राजनीतिक उबाल और जनता की नाराजगी
इस घटना के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह केवल चुनावी लाभ के लिए इस तरह के प्रतीकात्मक कार्य कर रही है, जबकि उनकी असली प्राथमिकता जनता की भलाई होनी चाहिए। जनता के बीच भी इस घटना को लेकर नाराजगी है, और वे इसे छत्रपति शिवाजी महाराज के सम्मान के साथ खिलवाड़ के रूप में देख रहे हैं।

मालवण में भी विरोध प्रदर्शन
मालवण में भी इस घटना के विरोध में विरोध प्रदर्शन हुए। राजकोट किले पर शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा तोड़े जाने के विरोध में यह प्रदर्शन किया गया। स्थानीय लोगों और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की।

सरकार की प्रतिक्रिया और जांच की घोषणा
इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार ने जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जो इस घटना की पूरी तरह से जांच करेगी और दोषियों की पहचान करेगी।

विपक्ष के आरोप और सरकार की चुनौती
हालांकि, विपक्ष सरकार के इस कदम से संतुष्ट नहीं है। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह केवल जांच के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है और असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। पूर्व विधायक देशमुख ने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण ही यह घटना हुई है, और इसे किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

जनता का समर्थन और राजनीतिक दलों की एकता
इस घटना ने विपक्षी दलों को एकजुट किया है, और उन्होंने इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने का फैसला किया है। अमरावती में हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। जनता ने भी विपक्ष के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति सम्मान की मांग की।

महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़
इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। विपक्ष ने इस मुद्दे को राज्य के चुनावों में बड़ा मुद्दा बनाने की योजना बनाई है। विपक्ष का मानना है कि इस घटना ने सरकार की असलियत को जनता के सामने ला दिया है, और इसे लेकर जनता में गहरी नाराजगी है। विपक्ष ने घोषणा की है कि वे इस मुद्दे को लेकर राज्यभर में आंदोलन करेंगे और सरकार को जवाबदेह ठहराएंगे।


महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की इस घटना ने सरकार और विपक्ष के बीच टकराव को और तेज कर दिया है। इस घटना के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल और भी गरम हो गया है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और भी बड़े विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं। सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वह इस मुद्दे को कैसे संभालती है और जनता की नाराजगी को कैसे दूर करती है। जनता और विपक्ष की मांग है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाए और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस घटना ने यह भी दिखाया है कि छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे महानायकों के प्रति जनता के दिलों में गहरा सम्मान है, और उनकी प्रतिष्ठा के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।महाराष्ट्र की राजनीति में इस घटना ने एक नई दिशा दी है, और इसका असर आने वाले चुनावों पर भी पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है और जनता की नाराजगी को कैसे शांत करती है।


Spread the love

Releated Posts

केशव संस्कार केंद्र में कौशल विकास पर जोर, निरूपा पटवा का विशेष कार्यक्रम

Spread the love

Spread the loveNewsBy-Pulse24 News Desk जोधपुर राजस्थान- जोधपुर में, पुण्यार्थम् श्री माधव सेवा समिति के रातानाडा क्षेत्र स्थित…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaOct 18, 2024

प्रशांत किशोर ने जन सुराज दल की स्थापना की, लाखों की भीड़ के बीच व्यवस्था परिवर्तन का आह्वान

Spread the love

Spread the loveNews By:Pulse24 News Desk आरा- पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में आज प्रशांत किशोर ने जन…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaOct 3, 2024

लव जिहाद का मामला: मुस्लिम लड़के ने हिंदू लड़की को फंसाया, धर्मांतरण का दबाव और वीडियो वायरल करने की दी धमकी

Spread the love

Spread the loveNews By:Pulse24 News Desk अलीगढ़, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद के कोतवाली इगलास इलाके में एक…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaSep 15, 2024

अरविंद केजरीवाल ने की दो दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा: दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर नया सवाल

Spread the love

Spread the loveNews By:Pulse24 News Desk दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaSep 15, 2024

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *