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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस -सक्ती कलेक्टर ने किया शुभारंभ

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News By:Pulse24 News Desk

छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर स्वामी आत्मानंद स्कूल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान छात्रों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर सक्ती कलेक्टर अमृत विकास तोपनो ने इस अभियान का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि इसके पीछे एक गहरी चिंता और उद्देश्य था। जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, शासकीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, और अन्य तकनीकी शिक्षा संस्थानों में 1 से 19 साल के बच्चों को इस दवा का सेवन कराया गया, ताकि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो सके और वे बौद्धिक विकास की ओर अग्रसर हो सकें।

कृमि संक्रमण बच्चों में एक गंभीर समस्या है, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न करता है। कृमि, जिन्हें अंग्रेजी में “वर्म्स” कहा जाता है, बच्चों के आंतों में प्रवेश कर खून की कमी, कुपोषण, और थकान का कारण बनते हैं। यह स्थिति बच्चों के समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। कृमि संक्रमण के चलते बच्चों में खून की कमी होती है, जिससे वे कमजोर और थके हुए महसूस करते हैं। इस स्थिति में बच्चे न केवल शारीरिक रूप से पिछड़ जाते हैं, बल्कि उनका मानसिक विकास भी अवरुद्ध हो जाता है। इस संक्रमण से बचने के लिए समय-समय पर कृमि नाशक दवाओं का सेवन आवश्यक है।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का यह कार्यक्रम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत जिले के लगभग 2 लाख बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक महत्वपूर्ण पहल है, क्योंकि इससे न केवल बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि उनकी शैक्षिक प्रगति और समग्र विकास में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इस कार्यक्रम के तहत 4 सितंबर को कुछ बच्चों को माप अप राउंड के अंतर्गत दवाई खिलाई जाएगी। माप अप राउंड उन बच्चों के लिए है, जो किसी कारणवश पहले दौर में दवा नहीं ले सके। इस राउंड का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा इस अभियान से छूट न जाए और सभी बच्चों को इस दवा का लाभ मिल सके।

इस अभियान का महत्व इस बात से भी स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य विभाग ने कृमि संक्रमण के कारण होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृमि संक्रमण बच्चों में कुपोषण के मुख्य कारक होते हैं। कुपोषण के कारण बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है, और वे अन्य बीमारियों के प्रति भी अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। कृमि संक्रमण के कारण बच्चों में खून की कमी हो जाती है, जिससे वे थकान महसूस करते हैं और उनकी शारीरिक शक्ति कम हो जाती है। इसका प्रभाव उनकी शिक्षा पर भी पड़ता है, क्योंकि थके हुए और कमजोर बच्चे अध्ययन में ठीक से ध्यान नहीं दे पाते।

कृमि मुक्ति अभियान का उद्देश्य न केवल बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाना है, बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक विकास को भी सुनिश्चित करना है। इस अभियान के तहत बच्चों को दी जाने वाली एल्बेंडाजोल दवा कृमियों को नष्ट करने में प्रभावी होती है और इसके नियमित सेवन से कृमि संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। इससे बच्चों की भूख में सुधार होता है, उनकी ऊर्जा स्तर में वृद्धि होती है, और वे अधिक स्वस्थ और सक्रिय हो जाते हैं।

इस अभियान का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे बच्चों का शारीरिक विकास सामान्य हो सकेगा। कृमि संक्रमण के कारण जो बच्चे कुपोषित और कमजोर थे, वे अब स्वस्थ और सशक्त होंगे। यह न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा, बल्कि उनके मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

कृमि नाशक दवा का सेवन बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, और इस अभियान के तहत दवा का वितरण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम का आयोजन करके जिला प्रशासन ने एक प्रशंसनीय प्रयास किया है, जिससे जिले के बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सकेगा।

छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में आयोजित इस कृमि मुक्ति अभियान ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि बच्चों का स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में हैं। इस प्रकार के अभियानों के माध्यम से न केवल बच्चों को शारीरिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है, बल्कि उनके मानसिक विकास को भी प्रोत्साहन मिल रहा है।

समग्र रूप से, यह अभियान बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ उन्हें एक स्वस्थ और खुशहाल भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी बच्चा कृमि संक्रमण के कारण अपने जीवन में पिछड़ने न पाए और वे सभी स्वस्थ, खुशहाल और सशक्त नागरिक के रूप में समाज में योगदान कर सकें।

सरकार और स्वास्थ्य विभाग के इस प्रयास को प्रोत्साहित करने और इसे सफल बनाने में माता-पिता, शिक्षकों और समुदाय का भी महत्वपूर्ण योगदान है। यह सभी की जिम्मेदारी है कि वे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और सुनिश्चित करें कि सभी बच्चे इस दवा का सेवन करें और कृमि संक्रमण से मुक्त हो सकें।

सक्ती जिले में चलाया गया यह राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का अभियान न केवल बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनके समग्र विकास में भी अहम भूमिका निभा रहा है। इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से हम एक स्वस्थ और समृद्ध समाज की नींव रख सकते हैं।


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