News By:Pulse24 News Desk
साल्हेझरिया, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर स्थित आदिवासी बाहुल्य गांव साल्हेझरिया में खाद्यान्न वितरण की समस्या गंभीर रूप से सामने आई है। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि गरीब होने के कारण जब तक वे काम नहीं करते, उन्हें भोजन नहीं मिल पाता। सितंबर माह में चावल और अन्य खाद्यान्न का वितरण विंध्यावासिनी महिला स्व सहायता समूह द्वारा अब तक शुरू नहीं किया गया है, जिससे ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
खाद्यान्न वितरण में देरी
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि थंब इंप्रेशन लेने के बावजूद हितग्राहियों को दो से चार महीने तक का चावल, चीनी, चना और नमक नहीं दिया गया है।इन हालातों के कारण कई परिवारों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। गांव के कई लोग यह कहना है कि घर में चावल न होने के कारण उन्हें भूखे मरने की नौबत आ गई है।
जनसमस्या निवारण शिविर में शिकायत
इस गंभीर समस्या की शिकायत ग्रामीणों ने हाल ही में अंकोरी जिलास्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में की। ग्राम पंचायत साल्हेझरिया के सचिव पुनीतराम पटेल ने बताया कि सहकारी उचित मूल्य की दुकान में खाद्यान्न का वितरण महीने के अंत में होता है, जिससे पहले ही महीनों में राशन की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
जांच प्रक्रिया
खाद्य निरीक्षक दिव्यांशु देवांगन ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट एसडीएम बसना को सौंप दी गई है। इसके अलावा, विंध्यावासिनी महिला स्व सहायता समूह साल्हेझरिया को निर्देश दिया गया है कि जिन हितग्राहियों को चावल नहीं मिला है, उनका तत्काल वितरण किया जाए।
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साल्हेझरिया गांव की यह स्थिति दर्शाती है कि खाद्यान्न वितरण की प्रक्रिया में सुधार की जरुरत है, ताकि जरूरतमंद परिवारों को समय पर मदद मिल सके। स्थानीय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि ग्रामीणों को बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।