NewsBy-Pulse24 News Desk
जम्मू-कश्मीर- बटोत, जो जम्मू और कश्मीर राज्य के बटोत में स्थित एक महत्वपूर्ण शहर है, पिछले कुछ वर्षों से नगरपालिका समिति के कर्मचारियों के लिए गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। 2014 से, यहां के कर्मचारियों को स्थायी नौकरी नहीं मिली है, जबकि वे पिछले 28 वर्षों से नगर निगम के विभिन्न कार्यों में सेवा दे रहे हैं। यह स्थिति कर्मचारियों के लिए निराशाजनक और अन्यायपूर्ण साबित हो रही है, क्योंकि उन्होंने अपनी सेवाएं बिना किसी स्थायी रोजगार के दी हैं, और अब वे अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
हड़ताल और जागरूकता अभियान
इन कर्मचारियों ने अपनी आवाज़ उठाने के लिए एक हड़ताल (हड़ताल) का आयोजन किया है, जिससे वे अपनी मांगों को सामने लाने और समुदाय में इस मुद्दे के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। हड़ताल के कारण बटोत शहर में कचरा जमा होने की समस्या और अधिक बढ़ गई है, जिससे अस्वच्छ स्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें उचित रोजगार सुरक्षा और स्थायीत्व की आवश्यकता है, ताकि वे अपने कार्यों को सही तरीके से और निरंतरता से कर सकें। हालांकि, नगर निगम प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं, जिससे कर्मचारियों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है।
स्वच्छता संकट और स्वास्थ्य जोखिम
कचरा जमा होने के कारण शहर में स्वच्छता की स्थिति गंभीर रूप से खराब हो गई है। कचरा न उठने से सड़कों पर कूड़ा-करकट और गंदगी फैल गई है, जिससे अस्वच्छ वातावरण पैदा हो गया है। यह न केवल शहर की खूबसूरती को प्रभावित कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का कारण भी बन रहा है। कचरे के न जमा होने से बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है, विशेष रूप से पानी और हवा के जरिए फैलने वाली बीमारियाँ जैसे डायरिया, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड आदि के मामलों में वृद्धि हो सकती है।
स्वच्छता की कमी और उचित कचरा प्रबंधन के अभाव में बटोत शहर में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का खतरा मंडरा रहा है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। यह मामला नगर निगम प्रशासन और राज्य सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है, और यह समय की मांग है कि वे इस मुद्दे को प्राथमिकता के साथ हल करें।
समाधान और मांगें
बटोत के नगरपालिका समिति के कर्मचारी अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसमें मुख्य रूप से स्थायी नौकरी, उचित वेतन और सेवा की सुरक्षा की मांग की जा रही है। वे यह भी चाहते हैं कि कचरा प्रबंधन और सफाई कार्यों को नियमित और प्रभावी तरीके से चलाया जाए ताकि शहर में स्वच्छता बनी रहे और कोई स्वास्थ्य संकट उत्पन्न न हो। कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे और इसके माध्यम से प्रशासन पर दबाव डालेंगे।