NEWS BY: Pulse24 News
हजारीबाग , झारखण्ड – विनोबा भावे विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के द्वारा रविवार को शैक्षणिक परिभ्रमण का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत विभाग अध्यक्ष डॉ सुकल्याण मोइत्रा तथा विभागीय शिक्षक डॉ प्रमोद कुमार एवं डॉ अजय बहादुर सिंह ने विभाग के शोधार्थियों तथा तृतीय समसत्र के विद्यार्थियों को जोन्हा जलप्रपात का भ्रमण कराया। परिभ्रमण का विषय था ‘अपने झारखंड को जानो।’ इससे पूर्व विभाग द्वारा विद्यार्थियों को शैक्षणिक परिभ्रमण के विषय में जानकारी दी गई। यह भी सिखाया गया कि किसी आयोजन को किन-किन बिंदुओं को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। तत्पश्चात आयोजन का दायित्व विद्यार्थियों को दिया गया। विद्यार्थियों ने भी खूब उत्साह के साथ इसे निभाया।
जोन्हा जलप्रपात पहुंचकर विद्यार्थियों को झारखंड की प्राकृतिक खूबसूरती से परिचित कराया गया। यह भी बताया गया की प्रकृति की गोद में जाकर तथा प्रकृति का सम्मान करते हुए आनंद कैसे लिया जाए। हर स्तर पर साफ सफाई बनाए रखने की शिक्षा दी गई। जलप्रपात तथा चारों तरफ के घने जंगल की संगीत को सुनने की कला को सिखाया गया। बताया गया कि हमारे वहां जाने से जलप्रपात को तथा जंगल को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। विद्यार्थियों को फोटोग्राफी की भी कुछ जानकारी दी गई। सामूहिक भोजन का लुफ्त भी सब ने उठाया। यहां शिक्षा दी गई कि भोजन को बर्बाद नहीं होने देना है। छुट्टियों का समय होने के कारण जलप्रपात में सैलानियों की खूब भीड़ थी। यह भी बताया गया कि हमें किसी अन्य सैलानी को असुविधा पहुंचाए बिना किस तरह आनंद लेना है। राजनीति विज्ञान तथा लोक प्रशासन के दृष्टिकोण भी जोन्हा जलप्रपात पर डाले गए। जोन्हा जलप्रपात में व्याप्त गंदगी तथा कुव्यवस्था से विद्यार्थी दुखी हुए। ऐसे प्राकृतिक धरोहर के प्रति सरकार के वन विभाग तथा पर्यटन विभाग द्वारा बढ़ती गई लापरवाही से सभी हैरान हुए। यह भी दिखा की झारखंड का भयावह अधिकारी-ठेकेदार गठजोड़ का शिकार अब पर्यटन स्थल किस प्रकार बन रहे। विद्यार्थियों ने जानना चाहा की हमारे जनप्रतिनिधि क्या कर रहे हैं?
कुछ सैलानियों के गैर जिम्मेदराना रवैया से भी विद्यार्थी चिंतित हुए। कुछ तो ध्वनि विस्तारक ले गए थे और बहुत ऊंचे वॉल्यूम में बजा रहे थे। सरकार की तरफ से कुछ गज़ीबो बनाए मिले जो सभी खस्ता हाल में दिखे। खट्टे-मीठे यादों के साथ विद्यार्थी देर शाम को लौटे। यह संकल्प लिया गया कि हम विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जिम्मेदार नागरिक बनेंगे और व्यवस्था को धीरे-धीरे जरूर बदलेंगे।