NEWS BY: Pulse24 News
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने युवा अधिकारियों को मार्गदर्शन प्रदान किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रेरित किया।
प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण का महत्व
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में सर्वप्रथम बनाने का सपना देखा है। इस यात्रा का हिस्सा बनकर सिविल सेवक देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा अधिकारियों के प्रयासों से एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण संभव होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह मिशन तभी सफल होगा जब सभी 140 करोड़ देशवासी एकजुट होकर इसे साकार करेंगे।

‘Whole of Government Approach’ पर जोर
श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ‘Whole of Government Approach’ के साथ काम कर रही है, क्योंकि कोई भी गतिविधि अकेले परिणाम नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार की नीतियां सही तरीके से लागू हों, और ये नीतियां केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि धरातल पर उनका असर दिखाई दे। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी गतिविधि के सफल कार्यान्वयन के लिए समग्र दृष्टिकोण आवश्यक है।
महिलाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान
श्री अमित शाह ने सिविल सेवा अधिकारियों की महिलाओं की भागीदारी पर भी बात की। उन्होंने कहा कि आज के चयनित सिविल सेवा अधिकारियों में 38 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक देश की 50 प्रतिशत जनसंख्या नीति निर्धारण में शामिल नहीं होगी, तब तक प्रधानमंत्री मोदी का ‘Women-led Development’ का कंसेप्ट पूरा नहीं हो सकता। महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना, विकास का सपना पूरा नहीं हो सकता।
नैतिकता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की आवश्यकता
केन्द्रीय गृह मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि उनका काम केवल नीति बनाना नहीं है, बल्कि उन नीतियों को सही तरीके से और संवेदनशीलता के साथ लागू करना है। उन्होंने यह भी कहा कि सिविल सेवकों को लोगों की समस्याओं को समझकर और उनके समाधान के लिए तत्पर रहकर काम करना चाहिए। प्रशासन का कार्य ‘Reactive’ नहीं बल्कि ‘Pro-Active’ होना चाहिए, ताकि किसी भी समस्या का समाधान समय रहते हो सके।
विकास के लिए फाइलों में उलझने की बजाय कार्य पर ध्यान केंद्रित करें
श्री शाह ने कहा कि अधिकारियों का काम फाइलों में उलझने की बजाय जनता के जीवन को बेहतर बनाने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि वे कैसे समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि विकास केवल आंकड़ों से नहीं, बल्कि वास्तविक परिणामों से होता है। अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि आंकड़े और दस्तावेज़ विकास के मापदंड नहीं हो सकते, बल्कि उनका असर समाज पर और जनता के जीवन पर होना चाहिए।
संवेदनशीलता और कार्य के प्रति समर्पण की आवश्यकता
श्री अमित शाह ने अधिकारियों से कहा कि कार्य में संवेदनशीलता के साथ-साथ समर्पण की भावना भी जरूरी है। उन्होंने उदाहरण दिया कि बड़ी-बड़ी योजनाएं तभी सफल होती हैं जब उनमें सभी स्तरों पर कार्य को सही दिशा में संवेदनशीलता से लागू किया जाता है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को जनहित के लिए काम करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार की योजनाएं और नीतियां सभी तक पहुंचे।
GST और Make in India की सफलता
श्री शाह ने GST की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि कई बड़े अर्थशास्त्री यह मानते थे कि GST भारत में सफल नहीं होगा, लेकिन आज यह हमारे देश के आर्थिक विकास का एक अहम हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि GST ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है और यह देश की आर्थिक ताकत को बढ़ाने में सहायक हुआ है। इसके अलावा, उन्होंने ‘Make in India’ की सफलता का भी उल्लेख किया, जो आने वाले दिनों में भारत को विनिर्माण के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी केंद्र बना देगा।
गरीबी उन्मूलन में मोदी सरकार का योगदान
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो यह दर्शाता है कि सरकार विकास के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गरीबी उन्मूलन और समग्र विकास की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है, और सिविल सेवकों का इस प्रक्रिया में अहम योगदान है।

अंत में प्रेरणा
श्री अमित शाह ने युवा अधिकारियों से कहा कि प्रगति वही कर सकता है, जिसके भीतर आखिरी सांस तक सीखने की भावना जीवित रहती है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को निरंतर खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए, ताकि वे अपने कार्य में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें और देश के विकास में योगदान दे सकें।
निष्कर्ष
इस दीक्षांत समारोह में श्री अमित शाह ने युवा अधिकारियों से अपील की कि वे अपनी ऊर्जा और कार्यक्षमता से देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर सिविल सेवक का काम विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है।