• Home
  • उत्तराखडं
  • आयुर्वेदिक पद्धति से बिना चीरे और ऑपरेशन के हार्ट ब्लॉकेज का सफल इलाज: डॉ. आदित्य बिष्ट का हिमालय दिवस पर संदेश
Image

आयुर्वेदिक पद्धति से बिना चीरे और ऑपरेशन के हार्ट ब्लॉकेज का सफल इलाज: डॉ. आदित्य बिष्ट का हिमालय दिवस पर संदेश

Spread the love

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली आज के आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का एक महत्वपूर्ण और प्रभावी विकल्प बन सकती है। हिमालय दिवस के अवसर पर, डॉ. आदित्य बिष्ट ने इस पद्धति की विशेषताओं और इसकी सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हार्ट ब्लॉकेज जैसी गंभीर समस्या का बिना चीरे और बिना ऑपरेशन के इलाज संभव है, और यह आयुर्वेदिक पद्धति से संभव हो रहा है।

आधुनिक चिकित्सा और आयुर्वेद का मेल
आज के आधुनिक चिकित्सा युग में, हार्ट ब्लॉकेज जैसी गंभीर समस्याओं के लिए आमतौर पर एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी जैसे चीर-फाड़ वाली तकनीकों का सहारा लिया जाता है। हालांकि, आयुर्वेदिक पद्धति ने इस दिशा में एक नई राह दिखाई है। इस पद्धति में बिना किसी सर्जरी के, रोगी की रक्त की एक बूंद भी बहाए बिना हार्ट ब्लॉकेज का इलाज किया जा रहा है। डॉ. बिष्ट ने बताया कि जैसे-जैसे यह आयुर्वेदिक पद्धति लोकप्रिय हो रही है, वैसे-वैसे इस पद्धति से इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या में भी इज़ाफ़ा हो रहा है, और उन्हें इस विधि से शत-प्रतिशत लाभ मिल रहा है।

हिमालय की जड़ी-बूटियों का महत्व
डॉ. आदित्य बिष्ट ने हिमालय की जड़ी-बूटियों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में हिमालय की जड़ी-बूटियों का विशेष स्थान है। हिमालय की 70-80 प्रतिशत औषधियाँ विभिन्न आयुर्वेदिक उपचारों में उपयोग की जाती हैं। यह क्षेत्र न केवल औषधियों का स्रोत है, बल्कि यहां से उत्पन्न होने वाली नदियाँ और ग्लेशियर भी प्राकृतिक संसाधनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

हालाँकि, ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। डॉ. बिष्ट ने कहा कि ऐसे में हिमालय और उसके प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना अत्यावश्यक हो गया है, ताकि मानव जीवन और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।

बदलती जीवनशैली और बढ़ती स्वास्थ्य समस्याएँ
डॉ. बिष्ट ने कहा कि आजकल की बदलती जीवनशैली, अस्वस्थ खानपान, और व्यायाम की कमी के कारण हार्ट ब्लॉकेज और डायबिटीज जैसी बीमारियाँ केवल वृद्धावस्था तक ही सीमित नहीं रह गई हैं। अब 40 से 60 वर्ष की आयु के लोग भी इन समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक पद्धति के माध्यम से 40 से 75 वर्ष के रोगियों को बिना किसी सर्जिकल प्रक्रिया के उपचार प्रदान किया जा रहा है। यह उपचार न केवल सुरक्षित है, बल्कि अत्यंत प्रभावी भी साबित हो रहा है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा का पुनरुत्थान
आयुर्वेद की इस प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली आज के आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का एक महत्वपूर्ण विकल्प बन सकती है। यह पद्धति न केवल रोगियों को सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्रदान कर रही है, बल्कि इसे अपनाने वाले रोगी पूरी तरह से स्वस्थ होकर वापस जा रहे हैं।

डॉ. आदित्य बिष्ट के अनुसार, आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में निहित ज्ञान और उपचार विधियों का सही उपयोग करके हम न केवल रोगों का सफलतापूर्वक इलाज कर सकते हैं, बल्कि हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को भी सशक्त बना सकते हैं। हिमालय दिवस पर उनके इस संदेश ने आयुर्वेद की शक्ति और उसकी प्रासंगिकता को एक बार फिर उजागर किया है।


Spread the love

Releated Posts

पौड़ी पुलिस ने शराब पीकर वाहन चलाने वाले 03 चालकों के वाहनों को सीज करने के साथ ही डीएल भी किए निरस्त

Spread the love

Spread the loveNEWS BY: Pulse24 News दिनांक 05.02.2025 को समस्त थाना प्रभारियों द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत चलाए गये…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaFeb 5, 2025

” गंगा तट पर मां सरस्वती की पूजा के साथ बसंत ऋतु का स्वागत “

Spread the love

Spread the loveNEWS BY: Pulse24 News  प्रकृति संग जीवन में नई ऊर्जा के संचार बसंत पंचमी पर्व को…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaFeb 3, 2025

हल्दीहाथ वेडिंग प्वाइंट दुर्गापुर, कोटद्वार में उत्तराखंड ग्रामीण बैंक द्वारा एक वृहद ऋण मेंले का आयोजन किया गया

Spread the love

Spread the loveNEWS BY: Pulse24 News  कोटद्वार – हल्दीहाथ वेडिंग प्वाइंट दुर्गापुर, कोटद्वार में उत्तराखंड ग्रामीण बैंक द्वारा…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaJan 30, 2025

डीएम के प्रयासों से जनपद में सुधरती स्वास्थ्य सेवाएँ, 3 नई एम्बुलेंस मिली

Spread the love

Spread the loveNEWS BY: Pulse24 News उत्तराखंड- देहरादून दिनांक 11 जनवरी 2025, (जि.सू.का), जिलाधिकारी सविन बसंल जनपद स्वास्थ्य…


Spread the love
ByByPriyanka SirolaJan 12, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *