उत्तराखंड-मुख्यमंत्री धामी ने हिलजात्रा महोत्सव को संबोधित कर सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और विकास के लिए घोषणाएं कीं

उत्तराखंड-मुख्यमंत्री धामी ने हिलजात्रा महोत्सव को संबोधित कर सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और विकास के लिए घोषणाएं कीं

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल माध्यम के जरिए पिथौरागढ़ में आयोजित हिलजात्रा महोत्सव को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को हिलजात्रा पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए आशा व्यक्त की कि जैसे हर घर में माँ गौरा और भगवान महेश्वर की पारंपरिक पूजा के साथ सातू-आठू पर्व से हिलजात्रा की परंपरा बनी रहती है, वैसे ही सभी के जीवन में भी सुख, समृद्धि और शांति की निरंतर धारा बहती रहे।

हिलजात्रा महोत्सव के आयोजन के लिए:
मुख्यमंत्री ने हिलजात्रा महोत्सव के आयोजन के लिए 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की। इसके साथ ही, उन्होंने मोस्टामानू मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 98 लाख रुपये की स्वीकृति दी। इसके अतिरिक्त, चौतोल मेला परिसर और श्री गोलज्यू मंदिर के सौंदर्यीकरण हेतु आवश्यक धनराशि की स्वीकृति प्रदान की और कुमौड़ में हिलजात्रा मेला स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए कार्य कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी को जी.जी.आई.सी. के पास निर्माणाधीन पार्किंग की “स्ट्रक्चरल सेफ्टी” का शीघ्र परीक्षण करने के निर्देश भी दिए।

हिलजात्रा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वता:
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सोरघाटी की ऐतिहासिक हिलजात्रा हमारी आस्था, विश्वास और समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है। यह आयोजन केवल धार्मिक या पारंपरिक घटना नहीं है, बल्कि हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। हिलजात्रा न केवल हमारे पूर्वजों की महान परंपराओं, आदर्शों और वीरता का सम्मान करती है, बल्कि यह कृषि और पशुपालन से जुड़े हमारे ग्रामीण जीवन की विशेषताओं को भी उजागर करती है। हिलजात्रा की यह परंपरा हमें हमारी ज़मीन, खेतों और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का अनूठा तरीका है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी जारी है।उन्होंने कहा कि इस पर्व ने पिछले 500 वर्षों से पिथौरागढ़ को एक विशिष्ट पहचान दी है, और भगवान शिव के गण लखिया भूत के आगमन ने हमें सदैव सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्रदान किया है। इस पर्व के माध्यम से हम अपनी जड़ों से जुड़ते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रयास:
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, और उज्जैन में महाकाल लोक जैसी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसके साथ ही, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का पुनर्निर्माण भी चल रहा है। प्रधानमंत्री ने स्वयं पिथौरागढ़ क्षेत्र की यात्रा की और आदि कैलाश यात्रा को विश्वभर में प्रसिद्धि दिलाने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

युवा पीढ़ी को सांस्कृतिक संरक्षण का संदेश:
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे पारंपरिक त्योहार, मेले और पर्व आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित और संरक्षित रहें। इसके लिए हमारी सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से निरंतर समर्थन प्रदान कर रही है। पारंपरिक और पौराणिक मेलों के मूल स्वरूप को यथावत रखने के लिए हर वर्ष आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। हिलजात्रा जैसे पर्वों के माध्यम से हमें अपनी युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं से परिचित कराने का अवसर मिलता है। उन्होंने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि वे अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करें और उन्हें आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्धारित प्रशासनिक व्यस्तताओं के चलते वे व्यक्तिगत रूप से इस आयोजन में शामिल नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि तकनीक के माध्यम से वह वर्चुअल रूप से इस अद्भुत उत्सव का हिस्सा बन पा रहे हैं।

उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
इस महोत्सव में विधायक डीडीहाट श्री बिशन सिंह चुफाल, विधायक पिथौरागढ़ मयूख सिंह मेहर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दीपिका बोरा, राज्य स्तरीय लघु सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री गणेश भंडारी, पूर्व विधायक श्रीमती चंद्रा पंत, भाजपा जिलाध्यक्ष पिथौरागढ़ श्री गिरीश जोशी, निवर्तमान अध्यक्ष नगर पालिका पिथौरागढ़ श्री राजेंद्र सिंह रावत, शिव सिंह बिष्ट सहित बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी उपस्थित थे।


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