उत्तराखड़-रूड़की में जनाक्रोश रैली: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर साथ हुई घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

उत्तराखड़-रूड़की में जनाक्रोश रैली: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर साथ हुई घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

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रूड़की में आज सर्वसमाज के लोगों ने एकजुट होकर जनाक्रोश रैली का आयोजन किया, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। यह रैली रूड़की के नेहरू स्टेडियम से शुरू हुई, जो मुख्य बाजार, नगर निगम, सिविल लाइन्स होते हुए महाराणा प्रताप चौक पर जाकर समाप्त हुई। रैली में युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों ने भाग लिया और अपनी नाराजगी को प्रकट किया।

1.बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज1 रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे इन अत्याचारों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और हिंदू समाज अब जाग चुका है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदू समाज अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है और किसी भी प्रकार के अत्याचार का विरोध करने के लिए तैयार है। इस संदेश के साथ, रैली में भाग लेने वालों ने जोरदार नारेबाजी की और सरकार से इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की मांग की।

    2.कोलकाता में डॉक्टर बेटी के साथ हुई घटना पर रोष
    रैली में शामिल लोगों ने कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना पर भी गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने इस घटना को समाज के लिए एक शर्मनाक अध्याय बताते हुए, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। रैली में भाग लेने वाले लोगों ने बलात्कारियों को फांसी की सजा देने की मांग की और कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाने चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा हैं और इसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाना चाहिए।

    3.सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
    जनाक्रोश रैली के दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने रैली के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सुनिश्चित किया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने अपनी नाराजगी को प्रकट किया, लेकिन पूरी रैली शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रही।

    4.जनाक्रोश रैली का व्यापक समर्थन
    इस रैली में समाज के सभी वर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, जो इस बात का प्रतीक है कि इन मुद्दों पर लोगों के बीच गहरी चिंता और आक्रोश है। युवा, बुजुर्ग, महिलाएं—सभी ने एकजुट होकर इन अत्याचारों और घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाई। रैली में शामिल लोगों का मानना है कि अब समय आ गया है कि समाज अन्याय के खिलाफ संगठित होकर खड़ा हो और सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग करे।

    5.समापन रूड़की में आयोजित इस जनाक्रोश रैली ने न केवल बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और कोलकाता की घटना के खिलाफ विरोध जताया, बल्कि समाज में एकजुटता का संदेश भी दिया। इस रैली ने दिखा दिया कि जब अन्याय होता है, तो समाज के सभी वर्ग एकजुट होकर उसकी निंदा करते हैं और कार्रवाई की मांग करते हैं। यह रैली इस बात का संकेत है कि समाज जागरूक है और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार है।


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