उत्तर प्रदेश-बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक, विशेषज्ञों ने जताई आशंका

उत्तर प्रदेश-बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक, विशेषज्ञों ने जताई आशंका

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बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों ने आतंक मचा दिया है। जुलाई महीने से लेकर हालिया सोमवार तक, भेड़ियों ने सात बच्चों समेत कुल आठ लोगों की जान ले ली है। इन भेड़ियों ने अपनी मां के साथ सो रहे बच्चों को भी उठा लिया और उन्हें खा गए। इस खौफनाक घटना के बाद अब तक महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत करीब 36 लोग घायल हो चुके हैं।

भेड़ियों के हमले और विशेषज्ञों की चिंता
भेड़ियों के लगातार बढ़ते हमलों को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि ये भेड़िये संभवतः बदला लेने के मकसद से बहराइच में हमले कर रहे हैं। भारतीय वन सेवा (आईएफएस) से रिटायर और बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में वन अधिकारी रह चुके ज्ञान प्रकाश सिंह ने इस संदर्भ में जानकारी दी। ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि जब जौनपुर और प्रतापगढ़ में भेड़ियों के हमलों की गहन जांच की गई, तो पाया गया कि भेड़िये अपने बच्चों की मौत के बाद अत्यंत आक्रामक हो गए थे। वन विभाग के अभियान के दौरान कुछ भेड़ियों को पकड़ा गया, लेकिन आदमखोर जोड़ा बच गया और इनका हमला जारी रहा। अंततः इन आदमखोर भेड़ियों को चिह्नित कर गोली मार दी गई, जिसके बाद भेड़ियों के हमलों की घटनाओं में कमी आई।

भेड़ियों का बदला लेने का अंदेशा
ज्ञान प्रकाश सिंह के अनुसार, जनवरी-फरवरी 2024 में बहराइच में भेड़ियों के दो बच्चों की मौत किसी ट्रैक्टर के कुचलने से हुई थी। इसके बाद भेड़ियों ने हमले शुरू किए। इन हमलावर भेड़ियों को पकड़कर 40-50 किलोमीटर दूर बहराइच के चकिया जंगल में छोड़ दिया गया। सिंह का मानना है कि यहीं कुछ गलती हो गई, जिससे भेड़ियों का आक्रोश और बढ़ गया।

सरकारी कार्रवाई और शूटर तैनाती
भेड़ियों के बढ़ते हमलों को रोकने के लिए प्रभावित इलाकों में शूटर तैनात कर दिए गए हैं। यह कदम उठाया गया है ताकि भेड़ियों के आक्रामक व्यवहार को नियंत्रित किया जा सके और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीमें लगातार निगरानी रख रही हैं और भेड़ियों के मूवमेंट को ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है।

भविष्य की योजना
स्थानीय प्रशासन ने भेड़ियों के हमलों से निपटने के लिए एक योजना तैयार की है। इसमें वन विभाग के अधिकारियों, शूटरों और स्थानीय पुलिस को शामिल किया गया है। शिकारियों और विशेषज्ञों की टीमों को भी तैयार किया गया है ताकि भेड़ियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा सके और जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।

सुरक्षा और जागरूकता
ग्रामीणों को भेड़ियों के हमलों से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने अपील की है कि लोग रात्रि के समय घरों से बाहर न निकलें और बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस और वन विभाग को देने के लिए कहा गया है।
बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के द्वारा फैलाए गए आतंक ने क्षेत्र की सुरक्षा और शांति को चुनौती दी है। भेड़ियों के आक्रामक व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं, जिसमें शूटरों की तैनाती और विशेषज्ञों की सलाह शामिल है। सरकारी और वन विभाग की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित किया जा सके।


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