रुद्रपुर, उत्तराखंड: उधमसिंह नगर जिले में नवनियुक्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मणिकांत मिश्रा के आगमन पर वन तस्करों ने बेखौफ होकर ताबड़तोड़ गोलीबारी की, जिसमें एक रेंजर सहित चार वनकर्मी घायल हो गए। इस घटना ने जिले में हड़कंप मचा दिया है, और पुलिस व वन विभाग के अधिकारी सतर्क हो गए हैं।
घटना का विवरण
तराई केन्द्रीय वन प्रभाग, रुद्रपुर की पीपल पड़ाव रेंज में गुरुवार की रात वन विभाग के अधिकारियों को सूचना मिली कि कुछ लकड़ी तस्कर जंगल में लकड़ी की अवैध कटाई के इरादे से घुसे हुए हैं। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए रेंजर रूप नारायण गौतम अपनी टीम के साथ जंगल में गश्त पर निकले। जब टीम गुलरभोज के पास के जंगल में पहुंची, तो उनका सामना तस्करों से हो गया। तस्करों ने वन विभाग की टीम को देखते ही बिना कोई चेतावनी दिए उन पर एक के बाद एक गोली चलानी शुरू कर दी। वनकर्मी भी इस अचानक हमले से हक्के-बक्के रह गए, लेकिन उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए जवाबी कार्रवाई में हवाई फायरिंग की। हालांकि, तस्करों की गोलीबारी में रेंजर रूप नारायण गौतम, वनरक्षक सौरभ शर्मा, कमल तिवारी और हीरा सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायल वनकर्मियों का इलाज
गंभीर रूप से घायल हुए रेंजर और अन्य वनकर्मियों को तुरंत रुद्रपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया, और सभी की स्थिति को स्थिर बताया जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार, सभी घायलों का इलाज चल रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर है।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा का निरीक्षण
घटना की सूचना मिलते ही नवनियुक्त एसएसपी मणिकांत मिश्रा देर रात अस्पताल पहुंचे और घायल वनकर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने घटनास्थल और घायल कर्मचारियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। एसएसपी मिश्रा ने कहा, “यह घटना बेहद गंभीर है और हम इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। तस्करों की पहचान की जा रही है, और जल्द ही उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
मुठभेड़ का वीडियो वायरल
इस बीच, घटना के तुरंत बाद जंगल में हुई इस मुठभेड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में तस्करों और वनकर्मियों के बीच हुई गोलीबारी के दृश्य स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। इस वीडियो ने स्थानीय लोगों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया है और प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिरकार तस्कर कैसे इस तरह बेखौफ होकर गोलीबारी कर सकते हैं।
वन विभाग की चुनौतियाँ
तराई केन्द्रीय वन प्रभाग में तस्करी की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, लेकिन हाल की इस घटना ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वनकर्मियों के लिए तस्करों का सामना करना अक्सर जोखिम भरा होता है, और इस प्रकार की घटनाएं उनके लिए बड़ा खतरा बनती जा रही हैं। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारे वनकर्मी जंगल की सुरक्षा में हमेशा तत्पर रहते हैं, लेकिन तस्कर आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं और उनकी संख्या भी ज्यादा होती है। इस घटना ने हमारे सामने नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।”
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने वन तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पुलिस और वन विभाग के अधिकारी अब तस्करों की पहचान करने और उनके ठिकानों पर छापेमारी करने की योजना बना रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि जिले में कानून और व्यवस्था को बनाए रखना उनकी प्राथमिकता होगी, और ऐसे तत्वों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना ने उधमसिंह नगर जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन तस्करी की समस्या पहले से ही बड़ी चुनौती रही है, और इस घटना ने वन विभाग और पुलिस के समक्ष सुरक्षा के नए मुद्दे प्रस्तुत किए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इन तस्करों के खिलाफ किस प्रकार की सख्त कार्रवाई करता है और वनकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।