जम्मू-कश्मीर : उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल से किया नामांकन दाखिल ,एनसी का ऐतिहासिक गढ़ बना चुनावी जंग का मैदान

जम्मू-कश्मीर : उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल से किया नामांकन दाखिल ,एनसी का ऐतिहासिक गढ़ बना चुनावी जंग का मैदान

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नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को गांदरबल विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। यह नामांकन जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि उमर अब्दुल्ला की यह वापसी उस निर्वाचन क्षेत्र में हो रही है, जिसे उनकी पार्टी और उनके परिवार के लिए लंबे समय से एक मजबूत गढ़ माना जाता है।

भारी जनसमर्थन के बीच नामांकन दाखिल
उमर अब्दुल्ला ने अपने नामांकन पत्र को दाखिल करने के लिए गांदरबल के मिनी सचिवालय में प्रवेश किया, जहां वह भारी संख्या में जुटे उत्साही समर्थकों से घिरे हुए थे। वे एक वाहन पर सवार होकर अपने समर्थकों के साथ मिनी सचिवालय पहुंचे। इस दौरान उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और उनके बेटे भी मौजूद थे। रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष उमर अब्दुल्ला ने अपने पर्चे दाखिल किए, जो उनकी राजनीतिक सक्रियता और उनकी पार्टी की मजबूत पकड़ को दर्शाता है।

गांदरबल: एनसी का पारंपरिक गढ़
गांदरबल निर्वाचन क्षेत्र नेशनल कॉन्फ्रेंस और अब्दुल्ला परिवार के लिए एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व खुद उमर अब्दुल्ला ने 2009 से 2014 तक किया था, जब वह एनसी-कांग्रेस गठबंधन सरकार में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। इससे पहले, उनके पिता और एनसी के मौजूदा अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उनके दादा शेख मुहम्मद अब्दुल्ला, जो एनसी के संस्थापक थे, ने भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। यह क्षेत्र न केवल नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अब्दुल्ला परिवार के राजनीतिक विरासत का भी प्रतीक है।

चुनावी रणनीति और संभावनाएं
उमर अब्दुल्ला की गांदरबल से उम्मीदवारी को पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस क्षेत्र में एनसी का समर्थन आधार बेहद मजबूत है, और उमर अब्दुल्ला की वापसी को पार्टी के लिए एक नई ऊर्जा के रूप में देखा जा रहा है। आगामी चुनाव, जो 18 सितंबर को होने वाले हैं, उमर अब्दुल्ला और एनसी के लिए अपनी राजनीतिक पकड़ को और मजबूत करने का अवसर है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और चुनौतियां
उमर अब्दुल्ला के लिए यह चुनावी अभियान केवल एक निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल करने का प्रयास नहीं है, बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर में एनसी की स्थिति को पुनः स्थापित करने का भी प्रयास है। गांदरबल की यह सीट उनके लिए राजनीतिक और व्यक्तिगत रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र उनके परिवार की विरासत और पार्टी की पहचान का हिस्सा रहा है।


गांदरबल विधानसभा सीट पर उमर अब्दुल्ला की नामांकन के साथ ही यह चुनावी जंग और भी दिलचस्प हो गई है। एनसी के इस पारंपरिक गढ़ में उमर अब्दुल्ला की वापसी को लेकर पार्टी के समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है। 18 सितंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के साथ यह देखना दिलचस्प होगा कि उमर अब्दुल्ला और उनकी पार्टी यहां से किस तरह का समर्थन जुटा पाते हैं और क्या वे अपने गढ़ को बरकरार रख पाते हैं।


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