NEWS BY: Pulse24 News
पंचकुला , हरियाणा – प्रसिद्ध समाजसेवी अनिल थापर को उनके सामाजिक कार्यों के चलते लगातार तीन दिन विभिन्न पुरस्कार मिले। 20 नवबर को डाक्टरेट, 21 नवंबर को भारत रत्न और 22 नवंबर भारत विभूषण से नई दिल्ली में सम्मानित किया गया। भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पुरस्कार मिलने पर डा. अनिल थापर का पंचकूला पहुंचने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सम्मान किया और कहा कि अब तक 200 अवार्ड पा चुके अनिल थापर ने पंचकूला का नाम देश में रोशन कर दिया है। सेक्टर 10 में एक सम्मान समारोह में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने सम्मानित किया। लोगों ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि अनिल थापर को प्रदेश स्तर पर कोई विशेष सम्मान दिया जाए, ताकि हरियाणा में अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा मिले। मुख्यमंत्री नायब सैनी को भी अनिल थापर को सम्मानित करना चाहिए।
प्रदीप गोयल, राकेश गोयल, भाजपा नेता उमेश सूद, राज मित्तल, ताराचंद गर्ग सहित अन्य लोगों ने कहा कि पंचकूला में अनिल थापर द्वारा किए जा रहे कार्यों की जितनी सराहना की जाए, वह कम है। अनिल थापर द्वारा गरीब बच्चों की पढ़ाई, रात को खुले आसमान में सोने वाले लोगों को कपड़े देने, गरीबों के लिए राशन की व्यवस्था, गरीब लड़कियों की शादी, ट्राई साइकिल देना, सर्दियों में गर्म कपड़े वितरित करने सहित अन्य कार्य किया जा रहे हैं। अनिल थापर अब तक 200 गरीब लड़कियों की शादी कर चुके हैं। समाजसेवी थापर ने बताया कि साई की पाठशाला में नर्सरी , पहली दूसरी और तीसरी कक्षा की शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि थ्री व्हीलर और बसों के माध्यम से इन बच्चों को घरों से लाया जाता है और इन्हें शिक्षा के साथ-साथ यूनिफॉर्म, किताबें, हेल्थ चेकअप, खाना,बैग और अन्य सभी तरह सुविधाएं दी जाती हैं और इन बच्चों को बड़े-बड़े होटलों में खाने के लिए ले जाया जाता है और बड़े-बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। 26 जनवरी और 15 अगस्त में भी उनके साईं की पाठशाला के बच्चों के द्वारा प्रस्तुति दी जाती है। साईं की पाठशाला में करीब डेढ़ सौ बच्चे इस समय शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेबर क्लास के बच्चों को शिक्षा दी जाती है और कई बार यह संख्या घटती-बढ़ती भी रहती है । सरकार से इन बच्चों को शिक्षा देने के लिए मंदिर में शिक्षा देने की मांग की गई है और उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें मंदिर के लिए जगह मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले 18 सालों में करीब 1300 बच्चे शिक्षा ले चुके हैं और अभी भी ऐसे बच्चों को उनके द्वारा शिक्षा दी जाती है।
उनकी कोशिश है कि जो बच्चा पढ़ना चाहता है और पैसे के अभाव में पढ़ नहीं सकता , उन बच्चों की हमारी संस्था मदद करती है। उन्होंने कहा कि जितने भी बच्चे उनकी साईं की पाठशाला में पढ़ना चाहते हैं वह पढ़ सकते हैं। बच्चों की कोई लिमिट नहीं, जितने भी बच्चे इस स्कूल में मुफ्त शिक्षा लेना चाहते हैं वह आ सकते हैं। अनिल थापर ने बताया कि वह करीब 15 साल से बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं। बच्चों को पढ़ाने वाली अध्यापकों को सैलरी भी खुद की तरफ से दी जाती है। संस्था के सदस्यों की मदद से यह स्कूल चलाया जा रहा है। अनिल थापर के मुताबिक बच्चों को शिक्षित कर इतनी खुशी मिलती है कि वह अवार्ड से कम नहीं और हमें अवार्ड की कोई इच्छा भी नहीं रहती। स्कूल में पढ़ने वाले गरीब बच्चे अनिल थापर को पापा ,नाना और दादा कहकर संबोधित करते हैं। कई बच्चे पढ़ना चाहते हैं लेकिन कुछ मजबूरियों के कारण नहीं पढ़ पाते .सिग्नल पर भीख मांगने वाले बच्चों को भी साईं की पाठशाला में शिक्षित किया जाता है और स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चे पढ़कर कई अच्छी नौकरियां भी कर रहे हैं। प्रयास रहता है कि अगर बच्चे आगे भी पढ़ना चाहते हैं तो संस्था ऐसे बच्चों की आगे पढऩे में मदद करते हैं।