लोकसभा सांसद इंजीनियर रशीद को अंतरिम जमानत, जम्मू-कश्मीर चुनावों में प्रचार की मिली अनुमति

लोकसभा सांसद इंजीनियर रशीद को अंतरिम जमानत, जम्मू-कश्मीर चुनावों में प्रचार की मिली अनुमति

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जम्मू-कश्मीर- डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को लोकसभा सांसद इंजीनियर रशीद को मिली अंतरिम जमानत का स्वागत किया। दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत ने जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनावों में प्रचार करने की अनुमति देते हुए रशीद को 2 अक्टूबर 2024 तक अंतरिम जमानत दी है, जिसमें 3 अक्टूबर को उन्हें आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया है।

गुलाम नबी आजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “मैं दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा इंजीनियर रशीद साहब को दिए गए अंतरिम जमानत आदेश का स्वागत करता हूं। एक मजबूत जनादेश के साथ लोकतांत्रिक रूप से चुने गए सांसद के रूप में, यह न्याय और विधानसभा चुनावों में प्रचार करने के उनके अधिकार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

अंतरिम जमानत और कोर्ट का आदेश
दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत ने आतंकी फंडिंग मामले में आरोपित रशीद को अस्थायी राहत दी है, जिससे वह आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार कर सकेंगे। उन्हें 3 अक्टूबर तक अदालत के निर्देशानुसार आत्मसमर्पण करना होगा। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई 11 सितंबर को होगी। अदालत ने इससे पहले भी रशीद को संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए जुलाई में दो घंटे की हिरासत पैरोल दी थी।

लोकसभा चुनाव में जीत और राजनीतिक प्रभाव
इंजीनियर रशीद ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हराया था। इस जीत ने उनके राजनीतिक प्रभाव को और भी मजबूती प्रदान की। बारामुल्ला सीट से जीतते हुए, रशीद ने 204,000 मतों के बड़े अंतर से विजय हासिल की। उनकी यह जीत जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समीकरणों में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखी जा रही है।

पिछली गिरफ्तारी और अदालती मामलों का इतिहास
रशीद की गिरफ्तारी पहली बार 2005 में हुई थी, जब उन्हें श्रीनगर में विशेष अभियान समूह (SOG) द्वारा आतंकवादियों का समर्थन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उन्हें तीन महीने और 17 दिनों तक कारावास में रखा गया था, लेकिन बाद में मानवीय आधार पर सभी आरोप हटा दिए गए थे।

हालांकि, 2019 में उन्हें फिर से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बावजूद, रशीद ने 2024 के संसदीय चुनावों में भाग लिया और एक महत्वपूर्ण जीत दर्ज की।

राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के अनुसार, रशीद की अंतरिम जमानत और चुनावी प्रचार की अनुमति उन्हें जम्मू-कश्मीर की राजनीति में फिर से सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करती है। उनकी चुनावी जीत ने उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक मजबूती को उजागर किया है, और आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
अब देखना यह है कि रशीद आगामी विधानसभा चुनावों में कैसे प्रदर्शन करते हैं और उनकी पार्टी और राजनीतिक विरोधियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।


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