हरिद्वार में महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न देने की मांग तेज, सैनी आश्रम में प्रतिमाओं का अनावरण

हरिद्वार में महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न देने की मांग तेज, सैनी आश्रम में प्रतिमाओं का अनावरण

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हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित सैनी आश्रम में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण आयोजन के दौरान महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया। इस अवसर पर सैनी समाज ने केंद्र सरकार से महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे और उन्होंने फुले दंपत्ति के देश के प्रति योगदान को याद करते हुए उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे जाने की पुरजोर मांग की।

कार्यक्रम की शुरुआत और मुख्य अतिथियों का संबोधन
कार्यक्रम का शुभारंभ सैनी समाज के प्रमुख सदस्यों द्वारा किया गया, जिसमें महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया। इस मौके पर भाजपा से राज्यसभा सांसद डॉ. कल्पना सैनी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “माता सावित्रीबाई फुले देश की प्रथम शिक्षिका थीं और महिलाओं को शिक्षित करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है। आज जब हम महिलाओं की प्रगति की बात करते हैं, तो इसका श्रेय सावित्रीबाई फुले और उनके पति महात्मा ज्योतिबा फुले को ही जाता है।” डॉ. कल्पना सैनी ने आगे कहा, “महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने भारतीय समाज में व्याप्त जाति-आधारित भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और शिक्षा के माध्यम से समाज को जागरूक किया। इन महान विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित करना न केवल उनके प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक होगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी होगी।”

महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के योगदान की चर्चा
पूर्व दर्जाधारी रामसिंह सैनी ने अपने संबोधन में महात्मा ज्योतिबा फुले के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने महात्मा ज्योतिबा फुले को ‘महात्मा’ की उपाधि दी थी और कहा था कि असली महात्मा ज्योतिबा फुले हैं। फुले जी समाज सुधारक, विचारक, समाजसेवी, लेखक और क्रांतिकारी कार्यकर्ता थे। उन्होंने महिलाओं, पिछड़ों और अछूतों के उत्थान के लिए अनेक कार्य किए। वे समाज के सभी वर्गों को शिक्षा प्रदान करने के समर्थक थे और भारतीय समाज में प्रचलित जाति-आधारित विभाजन और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी।” रामसिंह सैनी ने आगे कहा, “यह विडंबना है कि भारत सरकार ने डॉ. भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया है, लेकिन उनके गुरु महात्मा ज्योतिबा फुले को आज तक यह सम्मान नहीं मिला है। यह समय की मांग है कि ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।”

सैनी समाज की मांग और भविष्य की योजनाएं
सैनी समाज ने इस कार्यक्रम के माध्यम से केंद्र सरकार से अपील की कि महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के अतुलनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। सैनी समाज के नेताओं ने कहा कि वे इस मांग को लेकर लगातार आवाज उठाते रहेंगे और सरकार पर दबाव बनाएंगे ताकि यह न्यायसंगत मांग पूरी हो सके। कार्यक्रम के समापन पर सैनी समाज के लोगों ने एकजुट होकर सरकार से यह अपील की कि वे जल्द से जल्द महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न से सम्मानित करें। इस आयोजन ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि भारतीय समाज में इन महान व्यक्तित्वों के प्रति कितना सम्मान और कृतज्ञता का भाव है।

समाज के सभी वर्गों से समर्थन की अपील
सैनी समाज ने अन्य सामाजिक संगठनों और नागरिकों से भी अपील की है कि वे इस मांग का समर्थन करें और महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के योगदान को सम्मानित करने की इस मांग को बुलंद करें। समाज के प्रतिनिधियों का मानना है कि भारत रत्न जैसे सम्मान से इन महान विभूतियों के कार्यों की व्यापक पहचान और मान्यता मिलेगी, जिससे समाज के सभी वर्गों को प्रेरणा मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान सैनी आश्रम में एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन और कार्यों पर आधारित चित्र और साहित्य प्रदर्शित किया गया। यह प्रदर्शनी उपस्थित लोगों के लिए एक ज्ञानवर्धक अनुभव साबित हुई और सभी ने इसे बेहद सराहा।


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