NEWS BY: Pulse24 News
कोटद्वार , उत्तराखंड – लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज के जंगलों से सटे सनेह पट्टी के रामपुर और लालपानी गांवों में हाथी का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार की रात दो हाथियों ने रामपुर गांव में जमकर गेहूं की फसल रौंदी। हाथियों की धमक रोकने के लिए वन विभाग की ओर से एनिमल सेंसर हूटर (एनाइडर) लगाया गया है, प्रयोग सफल रहा तो वन सीमा से सटे अन्य क्षेत्रों में भी इनका प्रयोग किया जाएगा।कोटद्वार भाबर के गांवों में इन दिनों गेहूं की फसल पकने के कगार पर है। गेहूं के साथ ही आम और अन्य बागवानी भी फलफूल रही है। ऐसे में वन सीमा से सटे इलाके एक माह से हाथियों की धमक और उत्पात से परेशान हैं। सनेह पट्टी के रामपुर और लालपानी गांवों में मंगलवार रात धमके दो हाथियों ने मोहन सिंह रावत और सुदर्शन कोटनाला के गेहूं के खेत को रौंद डाला। क्षेत्र में हाथी लगातार तीसरी बार बालम सिंह पंवार के घर का गेट तोड़ चुके हैं।
काश्तकार मोहन सिंह रावत ने बताया कि वन विभाग की ओर से हाथियों को आबादी में रोकने के लिए बालम सिंह पंवार के घर पर एनिमल सेंसर हूटर एनाइडर लगाया गया है। हाथी के 30 मीटर की रेंज में आते ही हूटर बजने लगता है। मंगलवार की रात उक्त हूटर बजा, लेकिन हाथी इसकी आवाज सुनकर भागे नहीं। ग्रामीण संदीप पंवार ने बताया कि हूटर के बजने से ग्रामीण सतर्क हो जा रहे हैं, लेकिन हाथियों का उत्पात नहीं थम रहा है। रेंज अधिकारी विपिन जोशी ने बताया कि क्षेत्र में गश्त लगाई जा रही है।
हाथियों के बढ़ते उत्पात को देखते हुए ग्रामीणों ने रामपुर और लालपानी क्षेत्र में वन सीमा पर हाथी रोधी दीवार बनाने की मांग वन विभाग से की है। डीएफओ आकाश गंगवार ने भी हाथी प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण कर मौके पर लगाए गए एनाइडर की उपयोगिता जांची। डीएफओ ने बताया कि एनाइडर का प्रयोग सफल रहा तो अन्य मानव वन्यजीव प्रभावित अन्य क्षेत्रों में भी इसे लगाया जाएगा।