NEWS BY: Pulse24 News
सूरत , गुजरात – सूरत हीरा उद्योग में इन दिनों जो मंदी का दौर चल रहा है, वह 50 साल में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। इस मंदी ने न केवल हीरा उद्योग से जुड़े व्यवसायों को प्रभावित किया है, बल्कि लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर भी संकट आ गया है। सूरत में स्थित हीरा उद्योग में हीरे की मांग में भारी गिरावट आई है। यह मंदी वैश्विक स्तर पर हो रही आर्थिक सुस्ती और घरेलू बाजार में मांग की कमी के कारण उत्पन्न हुई है। इस मंदी के कारण सूरत में कई छोटी हीरा कंपनियां बंद हो गई हैं। इन कंपनियों का व्यापार घटने से हजारों कामकाजी लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। सूरत में लगभग 17 लाख से अधिक हीरा कारीगर काम करते हैं। इनमें से कई कारीगर अब कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। कुछ कारीगरों ने अपनी पगार में 50% तक की कटौती की शिकायत की है, जबकि कुछ ने पूरी तरह से नौकरी गंवा दी है। अनुमानित रूप से करीब 2 लाख लोग अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे हैं। यह संकट उद्योग के विभिन्न पहलुओं जैसे हीरे की कटाई, चमकाई, निर्यात, और संबंधित सेवाओं से जुड़े व्यवसायों में कार्य करने वाले लोगों के लिए गंभीर हो गया है। इस संकट के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ गया है। पिछले डेढ़ साल में करीब 45 हीरा उद्योग से जुड़े व्यक्तियों ने आत्महत्या की है, और भविष्य में भी इस तरह की घटनाओं के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। छोटी कंपनियों के बंद होने और बड़े उद्योगों में मंदी के चलते सूरत में बेरोजगारी बढ़ी है। इसका असर सिर्फ कारीगरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनसे जुड़े अन्य सेवा प्रदाताओं, व्यापारियों और मजदूरों पर भी पड़ा है।
सूरत का हीरा उद्योग देश और दुनिया में प्रसिद्ध है, और यह भारत का सबसे बड़ा हीरा केंद्र है। यहां से दुनिया भर में हीरे का निर्यात किया जाता है। हाल के सालों में यह उद्योग न केवल रोजगार का एक बड़ा स्रोत था, बल्कि कई परिवारों के लिए जीवन यापन का मुख्य साधन भी था। अब, मंदी के कारण उद्योग में पूरी तरह से शिथिलता आ गई है। कंपनियां और कारोबारी स्थिति का सामना करने के लिए न केवल अपनी उत्पादन दर को घटा रहे हैं, बल्कि कई बार कर्मचारियों की छंटनी भी की जा रही है। सूरत में हीरा उद्योग की मंदी का असर न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ा है, बल्कि यह वैश्विक व्यापार में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, क्योंकि भारत से दुनिया भर को हीरे की आपूर्ति की जाती है। सरकार और व्यापारिक संगठन इस संकट से उबरने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, इस संकट से उबरने में अभी कुछ समय लगेगा। इस स्थिति को सुधारने के लिए, उद्योग में पुनर्निर्माण की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है, साथ ही साथ कर्मचारियों के लिए विशेष पैकेज और राहत योजनाओं की जरूरत भी महसूस हो रही है।