हुबली-धारवाड़ में गणेशोत्सव की तैयारी जोरों पर, ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में विशेष उत्साह

हुबली-धारवाड़ में गणेशोत्सव की तैयारी जोरों पर, ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में विशेष उत्साह

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गणेशोत्सव की उलटी गिनती शुरू हो गई है और हुबली-धारवाड़ के जुड़वां शहरों में इसके जश्न की तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस बार की खासियत यह है कि मानसून ने अच्छी बारिश दी है, जिससे किसानों ने अपनी फसलों की बुआई का काम पूरा कर लिया है और अब उनकी देखभाल में जुटे हुए हैं। बाजारों में भी रौनक लौट आई है, और खासतौर से हुबली, जिसे “छोटा मुंबई” कहा जाता है, गणेशोत्सव के भव्य आयोजन के लिए तैयार है।

पिछली चुनौतियाँ और इस बार का जोश
पिछले साल, क्षेत्र में भयंकर सूखे के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। पानी की कमी ने फसलों को सूखने पर मजबूर कर दिया, जिससे उनकी आजीविका पर गहरा असर पड़ा। इसका असर गणेशोत्सव पर भी पड़ा, क्योंकि लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो गए थे और उत्सव की धूमधाम में कमी आई थी। हालांकि, इस साल मानसून ने भरपूर बारिश दी है, जिससे न केवल फसलें हरी-भरी हैं, बल्कि लोगों के दिलों में भी उत्साह का संचार हुआ है। इस बार गणेशोत्सव का नाम और भी बड़ा हो गया है। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी गणेश प्रतिमा स्थापित करने की तैयारियाँ जोरों पर हैं। बाजारों में सजावटी सामान की भरमार है और लोग उत्साहपूर्वक खरीदारी में लगे हुए हैं। इस बार का गणेशोत्सव निश्चित रूप से पिछले साल की तुलना में अधिक भव्य और हर्षोल्लास से भरा होगा।

हुबली-धारवाड़ की विशेषता
हुबली और धारवाड़ का गणेशोत्सव हमेशा से ही खास रहा है। यहाँ के जुड़वां शहरों में मुंबई और हैदराबाद की तर्ज पर विशाल गणेश प्रतिमाएँ स्थापित करने की परंपरा है। पिछले कई दशकों से यहाँ 10 फीट से लेकर 21 फीट तक की भव्य गणेश प्रतिमाएँ स्थापित की जाती हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए गर्व का विषय होती हैं। यहाँ की गणेश प्रतिमाएँ न केवल ऊंचाई में विशेष होती हैं, बल्कि उनकी सजावट और स्थापत्य कला भी दर्शनीय होती है। इस बार भी हुबली-धारवाड़ के लोग गणेशोत्सव को यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

गणेशोत्सव की तैयारियाँ
हुबली गणेशोत्सव महामंडल के उपाध्यक्ष शांतराज पोल ने बताया कि इस साल गणेशोत्सव के दौरान जुड़वां शहरों में 500 से 600 सार्वजनिक गणेश प्रतिमाएँ स्थापित की जाएंगी। इनमें से कुछ प्रतिमाएँ तो 21 फीट तक ऊँची होंगी। मराठगल्ली के हुबली का महाराजा और दाजी बानापेट के हुबली का राजा, 21 फीट ऊँची भव्य प्रतिमाओं के रूप में स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, पुराने हुबली महाराजा की प्रतिमा 15 फीट ऊँची होगी। 100 से अधिक गणेश प्रतिमाएँ 15 फीट ऊँचाई की होंगी, जो गणेशोत्सव के दौरान लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेंगी। गणेशोत्सव के दौरान इन प्रतिमाओं की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। अलग-अलग दिनों पर, जैसे कि 5वें दिन, 7वें दिन, 9वें दिन, और 11वें दिन, गणपति विसर्जन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इन शोभायात्राओं में लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं और पूरा शहर गणपति बप्पा मोरया के जयकारों से गूंज उठता है।

ग्रामीण इलाकों में उत्सव
शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी इस बार गणेशोत्सव को लेकर विशेष उत्साह है। अच्छी बारिश और फसलों की अच्छी स्थिति के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी गणेश प्रतिमा स्थापना की तैयारियाँ जोरों पर हैं। किसानों ने अपनी फसलों की देखभाल के साथ-साथ गणेशोत्सव के आयोजन की तैयारियाँ भी शुरू कर दी हैं। कई गांवों में इस बार विशेष सजावट की जा रही है, और स्थानीय लोग उत्साहपूर्वक इस त्योहार को मनाने के लिए तैयार हैं।

बाजारों की रौनक
गणेशोत्सव की तैयारियों के बीच, हुबली और धारवाड़ के बाजारों में भी रौनक लौट आई है। सजावटी सामान, गणेश मूर्तियाँ, पूजा सामग्री और अन्य वस्तुओं की बिक्री जोरों पर है। व्यापारी इस बार के उत्सव से अच्छी बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले साल के सूखे और आर्थिक मंदी के बाद, इस बार बाजारों में आई रौनक से व्यापारी भी खुश हैं और वे उम्मीद कर रहे हैं कि गणेशोत्सव का यह सीजन उन्हें अच्छा व्यापार देगा।

पर्यावरण के प्रति जागरूकता
हाल के वर्षों में, पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है और लोग अब पर्यावरण के अनुकूल गणेश प्रतिमाओं का चयन कर रहे हैं। इस बार भी हुबली-धारवाड़ के कई मंडलों ने मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाओं का चयन किया है। इसके अलावा, विसर्जन के दौरान जल प्रदूषण को कम करने के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की जा रही हैं।


हुबली-धारवाड़ में गणेशोत्सव की तैयारियाँ पूरी रफ्तार पर हैं। अच्छी बारिश और बाजारों में आई रौनक ने लोगों के उत्साह को और बढ़ा दिया है। जुड़वां शहरों में गणेशोत्सव हमेशा से ही भव्य रहा है, और इस बार का उत्सव भी कुछ अलग नहीं होगा। विशाल गणेश प्रतिमाएँ, भव्य शोभायात्राएँ और ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में उमंग भरी तैयारियाँ इस बात का संकेत दे रही हैं कि इस बार का गणेशोत्सव यादगार और विशेष होने वाला है।


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