अजीत पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने कहा कि साल 2014 और 2019 की तुलना में इस बार एनडीए की राह आसान नहीं है। हालांकि देश की जनता को पीएम मोदी की लीडरशिप पर भरोसा है,
अजीत पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने कहा कि साल 2014 और 2019 की तुलना में इस बार एनडीए की राह आसान नहीं है। हालांकि देश की जनता को पीएम मोदी की लीडरशिप पर भरोसा है और लोग चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा कि इस बार महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन को थोड़ी चुनौती मिल रही है,
लोकसभा चुनाव के बीच एनसीपी (अजीत पवार गुट) के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे मोदी सरकार की परेशानी बढ़ गई है।
दरअसल, एनसीपी नेता ने दावा किया है कि शिवसेना और एनसीपी पार्टी टूटने की वजह से उद्धव गुट और शरद पवार गुट को लोगों को सहानुभूति मिलेगी। इसका फायदा दोनों दलों को आम चुनाव में हो सकता है !
एन निजी न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए छगन भुजबल ने कहा कि साल 2014 और 2019 की तुलना में इस बार एनडीए की राह आसान नहीं है। हालांकि, देश की जनता को पीएम मोदी की लीडरशिप पर भरोसा है और लोग चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने।
महाराष्ट्र की राजनीति पर बात करते हुए कहा कि इस बार राज्य में भाजपा गठबंधन को थोड़ी चुनौती मिल रही है। शिवसेना उद्धव गुट, एनसीपी शरद पवार गुट के साथ लोगों की सिम्पैथी (सहानुभूति) है। राज्य में एक सिम्पैथी लहर है।
छगन भुजबल ने आगे महाराष्ट्र के बारामती लोकसभा सीट का भी जिक्र किया। जहां से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार मैदान में हैं।
उन्होंने कहा कि ये दुख की बात है कि जो लोग कभी एक ही घर में एक साथ रह चुके हैं वो आज एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में खड़े हैं। यह किसकी गलती है यह दूसरी बात है, लेकिन जो हो रहा है वो गलत है। बता दें कि इस सीट से सुप्रिया सुले तीन बार सांसद चुनी जा चुकी हैं। 23 अप्रैल को इस सीट पर चुनाव हुआ। वहीं, 4 जून को मतगणना होने वाली है !