चुनाव आयोग उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के थीम सॉन्ग से \’हिंदू\’ और \’भवानी\’ शब्द हटवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकता है? उद्धव ठाकरे ने तो कम से कम यही सवाल उठाकर चुनाव आयोग के सामने मुश्किल हालात पैदा कर दिए हैं। उन्होंने तो साफ़ कह दिया है कि वह चुनाव आयोग के इस निर्देश का पालन नहीं करेंगे।
दरअसल, चुनाव आयोग ने शिवसेना (यूबीटी) को उसके नए थीम सॉन्ग में \’भवानी\’ और \’हिंदू\’ शब्दों के इस्तेमाल पर नोटिस जारी किया था। इसको लेकर उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि उनकी पार्टी \’जय भवानी, जय शिवाजी\’ का नारा शुरू से लगाती रही है और थीम सॉन्ग में इसका इस्तेमाल वोट मांगने के लिए नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब खुले तौर पर पीएम मोदी और अमित शाह ने धर्म, धार्मिक नारे का इस्तेमाल किया तो चुनाव आयोग ने कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगा तभी वह थीम सॉन्ग से \’भवानी\’ और \’हिंदू\’ शब्दों को हटाएँगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने पिछले साल चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री शाह द्वारा दिए गए भाषणों के दो वीडियो क्लिप दिखाए। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि पहले वह यह बताए कि दोनों भाजपा नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। पहले वीडियो क्लिप में प्रधानमंत्री मोदी कथित तौर पर कहते सुने जा सकते हैं, \’जब आप वोट देने के लिए बटन दबाएँ तो जय बजरंग बली कहकर बटन दबाएँ।\’ दूसरे क्लिप में अमित शाह कथित तौर पर कहते नजर आ रहे हैं, \’3 दिसंबर को मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाएँ, यह सरकार सभी को रामलला के मुफ्त दर्शन कराएगी।\’
उद्धव ठाकरे ने कहा, \’जब मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में चुनाव हुए थे, हमने इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत की थी। क्या चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को छूट दे दी है? क्या कानून बदल गया है?\’ उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह के भाषणों का ज़िक्र करते हुए कहा, \’क्या यह चुनाव आचार संहिता के अनुरूप है? बार-बार याद दिलाने के बावजूद आयोग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।