CRIME STORY : पिता के मना करने के बाद भी पड़ोसी से प्यार करना महंगा पड़ा,

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लव मैरिज आज के युग में ट्रेंड बन गया है, खासकर के यह देखने को मिलता है की कॉलेज स्कूल या फिर आम तौर पर लड़के हो या लड़कियां एक दूसरे से बात करते हुए मिलते हैं की तेरा कोई फ्रेंड नहीं है।

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और अगर सामने वाला यह कह दे की नहीं मेरा कोई फ्रेंड नहीं है तो उसे तुच्छ समझते हैं, अगर किसी लड़के की कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है या फिर लड़की का बॉय फ्रेंड नहीं है तो मानो उनके फ्रेंड सर्कल में उनकी कोई इज्जत ही नहीं है।
मानसिकता ऐसी बन गयी है जिस कारण उम्र, परिवार, जाती, धर्म या फिर इंसानियत की किसी भी हदों की कोई सीमा नहीं रहती। हम यह नहीं कहना चाहते की लड़का लड़की का कोई फ्रेंड होना गलत है, पर यह दोस्ती अमूमन प्यार में बदलते हुए वक़्त नहीं लगता। और यह तो कहने की बात ही नहीं है की प्यार अँधा होता है।अपने प्यार के साथ जीवन बिताने में अगर कोई अड़चन आती है तो फिर सीमाओं को लांघना कोई बड़ी बात नहीं होती।
अक्सर हम देखते है की माँ बाप के मना करने के बावजूद भी घर से भागकर चले जाना या और खिलाफ जाकर माँ बाप को पुलिस स्टेशन और कोर्ट कचहरी के धक्के खिलाना मानो आज के युग का ट्रेंड बन गया है।
रोते बिलखते माँ बाप भाई बहन थककर या तो समझौता कर अपना लेते हैं या फिर हमेशा के रिश्ता तोड़ लेते हैं। परन्तु रिश्ता तोड़ लेने के बाद भी जब कभी भी बच्चों पर आँच आती है तो माँ बाप की ममता सभी गुनाहों को माफ़ करने पर विवश हो जाते हैं,

19 वर्षीय सुष्मिता अपने माता पिता और भाई बहन के साथ आगरा के रावली में रहती थी, वह पड़ोस में रहने वाले युवक से प्यार करती थी और कुछ समय बीत जाने के बाद सुष्मिता के पिता को पड़ोसियों ने सभी हकीकत बताई,
जिससे नाराज होकर पिता ने पडोसी लड़के के माँ बाप को भी समझाया और अपनी बेटी के घर से बाहर आने जाने पर रोक लगा दी थी, जैसे की आपको पहले भी हमने बताया था की प्यार अन्धा होता है ठीक उसी तरह सुष्मिता मौका देखकर घर से भाग गयी, और पडोसी के साथ प्रेम विवाह कर लिया, इस बात का पता चला तो घरवाले समझ गए थे की बेटी अब हाथ से निकल गयी है उन्होंने सुष्मिता की खोजबीन नहीं की और सभी को यही कह दिया की हमारी बेटी ने नाक कटवा दिया है वो हमारे लिए मर चुकी है।

एक साल बीत जाने के बाद अचानक सुष्मिता फटे हुए कपड़ों में रोते हुए अपने पिता के घर पहुंची और उनकी गोदी में बेहोश होकर गिर पड़ी। सुष्मिता के कपड़ों की हालत और बेहोश हो जाने पर उसकी माँ बहन भाई रोने चिल्लाने लग गए, आवाजें सुनकर पडोसी भी इकट्ठे हो गए और सुष्मिता पर पानी के छींटे मारे तो उसे थोड़ा होश आया फिर सभी उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। उपचार के बाद जब सुष्मिता को उसकी ये परिस्थति के बारे में पूछने पर उसने जो हकीकत बताई उसे सुनकर सभी पडोसी दंग रह गए। सुष्मिता ने बताया की उसके पति उसके साथ बहुत मारपीट करते थे और एकबार उसे सीढ़ियों से निचे फेंक दिया था जिससे उसकी रीढ़ की हड़्डी में चोट लग गयी थी और डॉक्टर ने उसे आराम करने को बोलै फिर भी घर के सारे काम खाना पीना उसे करना होता था। और कल रात को जब उसका पति घर पर आया तो साथ में एक दोस्त था और हाथ में शराब की बोतल लेकर आया था, मुझे शराब पिने को बोला और मेरे मना करने पर मुझे मारा और जबरदस्ती शराब पिलाई।

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मुझे शराब के नशे में कब नींद आयी मुझे पता नहीं चला और मैं बेहोश हो गयी, सुबह जब आँख खुली तो मैं निर्वस्त्र थी और मेरे पति का दोस्त मेरे साथ लेटा हुआ था,जब मैं चिल्लाई तो वो वहां से भाग गया और जाते जाते यह कहकर गया की तेरे पति ने ही मुझे ये सब करने को कहा था। पिता ने सारी व्यथा सुन पिता ने रकाबगंज थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ कम्प्लेन लिखवाई।
सुस्मिता के बयान से थानाप्रभारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उसी रात को दोनों आरोपियों को पकड़ लिया और पुलिस की पूछताछ में उसने एक चौंकानी बात कह दी थी किमैंने सोचा था की सुस्मिता इस घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बता सकती क्यों की वो अकेली है उसके माता पिता भी उससे बात नहीं करते।

अगर सुष्मिता ने पिता की बात मान ली होती तो शायद उसे ये दिन देखना नहीं पड़ता।


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