News By:Pulse24 News Desk
अलीगढ़ के जिला मलखान सिंह अस्पताल में फिर एक बार चिकित्सा सेवाओं की लापरवाही सामने आई है। अस्पताल की इमरजेंसी विभाग में बिजली की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। यह घटना उस समय सामने आई जब अस्पताल के डॉक्टरों को देर रात मरीजों को मोबाइल फोन की रोशनी और मोमबत्ती की मदद से इलाज करते हुए देखा गया।
घटना का विवरण
रात के समय, जिला अस्पताल की इमरजेंसी में अचानक बिजली गुल हो गई, जिसके कारण अस्पताल के चिकित्सक और मरीज दोनों को अंधेरे में संघर्ष करना पड़ा। लाइट की कमी के कारण मरीजों को प्राथमिक उपचार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। डॉक्टर्स ने मोमबत्तियों और मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया, जो कि स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
सरकारी योजनाओं की विफलता
उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए कई नई योजनाएं लागू की हैं, लेकिन यह घटना उन योजनाओं की धरातल पर विफलता को उजागर करती है। अस्पताल की लापरवाही और अपर्याप्त सुविधाएं सरकार की चिकित्सा योजनाओं की वास्तविकता पर सवाल खड़ा करती हैं।
चिकित्सा अधिकारियों की लापरवाही
अलीगढ़ के जिला अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी इस लापरवाही को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। बिजली की समस्या का समाधान न होने के कारण अस्पताल के संचालन में लगातार बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। इस लापरवाही की वजह से मरीजों की जान और स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
पिछली घटनाओं का संदर्भ
यह पहली बार नहीं है जब अलीगढ़ जिला अस्पताल की लापरवाही की बात सामने आई है। इससे पहले भी कई बार अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं में खामियां पाई गई हैं, लेकिन अब तक इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लगातार होने वाली इन घटनाओं ने स्थानीय नागरिकों और मरीजों के बीच विश्वास की कमी उत्पन्न की है।
आगे की कार्रवाई
स्थानीय प्रशासन और चिकित्सा अधिकारियों को इस गंभीर स्थिति का तत्काल समाधान करना चाहिए। बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करने और मरीजों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इस घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
इस लापरवाही से अलीगढ़ के नागरिकों और मरीजों में गहरा असंतोष व्याप्त है, और उन्हें उचित चिकित्सा सेवाएं और सुरक्षित वातावरण की उम्मीद है।