News By:Pulse24 News Desk
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और हिमालय के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि हिमालय न केवल उत्तराखंड की पहचान है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, जीवनशैली और पर्यावरण की जीवनरेखा भी है। हिमालय का महत्व न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए अद्वितीय है, और इसकी रक्षा करना हम सभी का दायित्व है।
हिमालय: हमारी विरासत और भविष्य
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संदेश में कहा कि हिमालय हमारी विरासत और भविष्य दोनों है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हिमालय को सुरक्षित रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिमालय में बढ़ते पर्यावरणीय खतरे, जैसे ग्लोबल वार्मिंग और अनियोजित विकास, इस पर्वत श्रृंखला के लिए गंभीर चुनौतियां उत्पन्न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए इकॉलोजी (पर्यावरण) और इकोनॉमी (अर्थव्यवस्था) के बीच संतुलन बनाकर कार्य करना होगा, ताकि हिमालय की सुन्दरता और जैव विविधता को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जा सके।
संस्कृति और प्रकृति का संरक्षण जरूरी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हिमालय का महत्व किसी एक राज्य या देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। उन्होंने हिमालय की संस्कृति, नदियों, और वनों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि ये सभी हिमालय के पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति का संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा उत्तराखंडवासियों के स्वभाव में है, और हरेला जैसे पर्व इसका जीवंत उदाहरण हैं, जो हमारे पूर्वजों की दूरदर्शी सोच और प्रकृति के साथ उनके गहरे संबंधों को प्रदर्शित करते हैं।
बुग्याल संरक्षण दिवस: एक नई पहल
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार ने हर साल 2 सितंबर को ‘बुग्याल संरक्षण दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। बुग्याल, जो हिमालय के अनमोल धरोहर हैं, को संरक्षित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि बुग्यालों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है और इस दिशा में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।
सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग, और जल, जंगल, जमीन से जुड़े मुद्दों पर समेकित चिंतन की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाज की सामूहिक चेतना और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से ही हम इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संदेश में कहा कि हिमालय के संरक्षण के लिए हमें सभी समुदायों, सरकार, और नागरिक समाज के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे हिमालय की रक्षा और संरक्षण के इस महान कार्य में अपना योगदान दें, ताकि हिमालय की सुंदरता, जैव विविधता, और संस्कृति को सुरक्षित रखा जा सके। हिमालय दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह संदेश न केवल प्रदेशवासियों को हिमालय की महत्ता की याद दिलाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हिमालय के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों की कितनी आवश्यकता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हिमालय सिर्फ एक पर्वत श्रृंखला नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, हमारी पहचान और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर है।