News By:Pulse24 News Desk
मध्य प्रदेश के दमोह जिले में लगातार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। सागर और जबलपुर के बीच स्थित कई प्रमुख मार्गों पर पानी भर जाने के कारण आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। बुधवार को सागर-जबलपुर स्टेट हाईवे 15 पर झलौन से पांच किलोमीटर दूर व्यारमा नदी पर बने झापन पुल के डूब जाने के कारण मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। यह पहला मौका है जब पिछले 25 वर्षों में इस पुल पर इतनी अधिक बाढ़ आई है। पुल पर 2 से 3 फीट तक पानी भर गया है।
इसके अलावा, धनेटा-झलौन मार्ग पर कुटी नाला पर बने नए पुल पर भी 3 फीट पानी भर गया, जिससे सर्रा, ससना, धनेटा, तारादेही, देवरी और महाराजपुर की ओर जाने वाले मार्ग बंद हो गए हैं। जामुनखेड़ा मार्ग पर मंगलवार की रात 11 बजे 18 गांवों को जोड़ने वाला पठाघाट पुल भी पानी में डूब गया, जिससे दो दिन से आवागमन बंद है।
तेंदूखेड़ा-तारादेही मार्ग पर बहेरिया चौराहे के पास एक विशाल पीपल का पेड़ जड़ से उखड़कर सड़क पर गिर गया, जिससे शाम 5 बजे तक मार्ग बंद रहा। सड़क पर पड़े पेड़ को हटाने के प्रयास अब तक नहीं किए गए हैं। इसी मार्ग पर बनी पुलिया में सुबह 6 बजे पानी भरने के कारण तारादेही, समनापुर, तेंदूखेड़ा, देवरी और महाराजपुर की ओर जाने वाले मार्ग भी बंद हो गए हैं, जिससे यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
डूमर गांव में दर्दनाक घटना:
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के नोहटा थाना क्षेत्र के डूमर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। डूमर गांव के मंदिर में भंडारा के दौरान तीन बच्चियां तलैया में डूब गईं। जानकारी के अनुसार, माया बाई (9 वर्ष), राजेश्वरी (12 वर्ष), और पिंसो (12 वर्ष) नामक तीनों बच्चियां एक ही परिवार की थीं।
बच्चियां तलैया के पास खेल रही थीं और अचानक फिसल कर पानी में गिर गईं। स्थानीय लोगों ने उन्हें निकालकर इलाज के लिए दमोह जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर श्री कोचर और पुलिस अधीक्षक श्री सोमवंशी ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। सीएमएचओ डॉ. मुकेश कुमार जैन, एएसआई अलजार सिंह, प्रधान आरक्षक शुभ नारायण यादव, और अन्य पुलिस कर्मियों ने परिवार से घटना की जानकारी ली और आवश्यक कार्रवाई की।
स्थानीय प्रशासन और राहत कर्मी प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और बाढ़ के पानी को निकालने और मार्गों को फिर से चालू करने के प्रयास कर रहे हैं। बारिश की लगातार स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि नागरिकों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।