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बड़कागांव / झारखंड
संवाददाता राज किशोर कुमार कि रिपोर्ट
हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड में प्रकृति का पर्व करमा पूजा धूमधाम से की गई। प्रखंड में लगभग 1000 से अधिक अखाड़ों में पूजा की गई। जिसमें कोइलंग, पलांडू, उरेज, तलसवार, बादम, हरली, सोनपुरा, विश्रामपुर, नापो खुर्द ,अम्बाजीत, गोसाई बलिया,महुगाई कला, गोण्दलपुरा,सांढ़,परेवातरी,शिवाडीह,बड़कागावँ, चेपाखुर्द बरवाडीह, सीकरी, कांडतरी, आदर्श गुरु चट्टी, जुगरा,अंबाटोला, कुंदरू, बाबूपारा, के अलावा दर्जनों गांव में करमा पूजा की गई। क्षेत्र के विभिन्न अखाड़ों को आकर्षक ढंग से सजाया गया। संध्या बेला में सभी अखाड़ों पर करमा डाली और फल से सुसज्जित अंकुरित जौ डलिया तथा पुए-पकवान को स्थापित कर करमा डाली के समीप नए वस्त्र से सुसज्जित महिलाओं और युवतियों ने करमा डाली की विधिवत पूजा-अर्चना की। भादो माह के एकादशी शुक्ल पक्ष में प्रकृति प्रदत्त पेड़-पौधों की रक्षा के अलावे बहनें भाइयों को रक्षा सूत्र बंधन कर लंबी उम्र के लिए भगवान से कामना की। जो दोनों के बीच अटूट प्रेम का प्रतीक है। पूजा के उपरांत बहनों के नृत्य संगीत में भाई ढोल-नगाड़े और मांदर की थाप पर रात भर करमा गीत के साथ लोग थिरकते रहे। करमा गीतों और ढोल-नगाड़े तथा मांदर की थाप से पूरा इलाका गूंजता रहा, आज करम गोसाई को अपने निकटतम नदी तालाब में विसर्जन किया जाएगा। विगत कई वर्षों से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र गांव कोईलंग,उरेज गांव में विशेष रूप से पूजा की जाती रही है। पूजा में कई जगह ढोल नगाड़े मांदर की जगह डीजे साउंड बजते नजर आए।