News By:Pulse24 News Desk
जोधपुर – लाचू कॉलेज में हाल ही में “करेंट ट्रेंड इन फाइटो-केमिस्ट्री एंड सेपरेशन टैकनिक” विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रमुख अतिथि डॉ. एम. के. आसेरी, कुलपति मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया। साथ ही, विशिष्ट अतिथियों में जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के प्रो. एन. एस. शेखावत और प्रो. डॉ. अनिल भंडारी शामिल रहे।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रोहित कुमार जैन ने पधारे हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें माल्यार्पण कर सम्मानित किया। उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, डॉ. आसेरी ने कहा कि फायटोकेमिस्ट्री के क्षेत्र में अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं, जो आने वाले समय में नई औषधियों के विकास में सहायक हो सकती हैं।
प्रो. शेखावत ने अपने संबोधन में बायोटेक्नोलॉजी की औषधीय पौधों में उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे इन पौधों का उपयोग औषधीय गुणों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। वहीं, प्रो. भंडारी ने फाइटो-केमिकल सेपरेशन टैकनिक पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने इस तकनीक की नवीनतम प्रवृत्तियों और अनुसंधानों का विवरण दिया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. निखिल बत्रा ने फाइटो-केमिकल इन्वेस्टिगेशंस में प्रयुक्त मेथोडोलॉजी के बारे में जानकारी दी। सह-संयोजक डॉ. अरुणा बोहरा ने बताया कि इस अधिवेशन में देशभर से लगभग 300 शिक्षक और शोधार्थी शामिल हुए, जो विभिन्न विषयों में अपने ज्ञान को साझा करने के लिए एकत्रित हुए थे।
सम्मेलन के अगले चरण में प्रतिभागियों द्वारा फाइटो-केमिस्ट्री में चल रहे नए अनुसंधानों को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन और पोस्टर प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इस दौरान डॉ. उमा पिलई, डॉ. नवनीत अग्रवाल, डॉ. प्रशांत मुथा, और डॉ. रेनू सोलंकी ने जज की भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के अंत में, ओरल और पोस्टर प्रेजेंटेशन के विजेताओं को सम्मानित किया गया। विजेताओं में हिमांशु बरवर, दिशा बोराणा, विक्रम खत्री, नंदनी अस्थवाणी, और वास्तिका सेठिया शामिल थे, जिन्हें पारितोषिक प्रदान किए गए।
इस सफल आयोजन को संपन्न करने में डॉ. संदीप अरोड़ा, डॉ. सौरभ जैन, डॉ. प्रशांत देसाई, डॉ. शिखा बत्रा, डॉ. राज कुमार चौहान और फार्मेसी संकाय की टीम ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम का संचालन आदित्य और मिशि ने किया, जिन्होंने पूरे आयोजन को सफल बनाने में मदद की।
यह सम्मेलन शोध एवं विकास के क्षेत्र में नए आयाम जोड़ने के साथ ही फायटोकेमिस्ट्री में नवीनतम प्रवृत्तियों को उजागर करने का एक मंच साबित हुआ।