News By:Pulse24 News Desk
पठानकोट, पंजाब- पितृ पक्ष के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का साप्ताहिक ज्ञानयज्ञ हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। इस कथा का उद्देश्य पितृ मुक्ति और आत्मिक शांति को प्राप्त करना था, जिससे श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और आस्था के साथ भाग लिया। व्यास श्री मुकेश पंडित शास्त्री जी महाराज जी ने अपने मधुर वाणी से सभी श्रद्धालुओं को श्रीमद् भागवत का अनूठा ज्ञान प्रदान किया। शास्त्री जी ने कथा में वैराग्य और भक्ति का महत्व बताया, और कथा के माध्यम से जीवन के मूल सिद्धांतों को समझाया।
कथा का सार:
- भक्ति और वैराग्य: कथा के दौरान शास्त्री जी ने भक्ति की शक्ति और वैराग्य के द्वारा आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होने का मार्ग बताया।
- पितृों का सम्मान: पितृ पक्ष के दौरान श्रद्धालुओं को अपने पितृों के प्रति सम्मान प्रकट करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का महत्व समझाया गया।
- कथा का रस: कथा में भक्ति भाव और भावनाओं का गहरा समावेश था, जिसने सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भक्तों की भागीदारी:
इस ज्ञानयज्ञ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिन्होंने कथा के दौरान भक्ति भाव से कीर्तन किया और सभी ने एकत्रित होकर सामूहिक प्रार्थना की।
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श्रीमद् भागवत कथा का यह ज्ञानयज्ञ न केवल पितृों की मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भक्तों के लिए आत्मिक उन्नति और शांति का स्रोत भी बना। शास्त्री जी की कथा ने सभी को प्रेरित किया और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।