कानपुर , यूपी –कल्याणपुर के एक प्राइवेट स्कूल से एक बड़ी ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है।
कानपुर के रावतपुर के रहने वाले परिजनों ने 9 साल के बच्चे को “डिप्थीरिया” वैक्सीन लगने के बाद मौत का आरोप स्कूल प्रशासन पर लगाया है।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जहां मौत का सही कारण जानने केये बिसरा प्रजर्व कर लिया गया है , हालांकि परिजनों ने टीका लगाने वाले पर लापरवाही का बरतने का आरोप लगाया है।
रावतपुर गांव स्थित हर मिलाप सोसाइटी केशवपुर में रहने वाले राजेश सोनी ई-रिक्शा चलाते हैं। राजेश ने बताया कि उनके परिवार में पत्नी सावित्री, 9 साल का बेटा अंश और दो बेटियां अंशिका व अवंतिका हैं। बेटा अंश रावतपुर गांव के पीआरके मिशन स्कूल में कक्षा पांच का छात्र था।
बीते 27 सितंबर को स्कूल में “डिप्थीरिया” (काली खांसी) का टीकाकरण हुआ था। इस दौरान उसके बाएं हाथ में टीका लगा था।
आरोप है कि टीकाकरण से उसका हाथ नीला पड़ रहा था.. एक अक्टूबर को छात्र की हालत बिगड़ी, उसे हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
माता और पिता कहना है कि स्कूल से फ़ोन आया कि टीका लगना है, लगवा लो। परिजनों ने मना किया लेकिन स्कूल वालो ने कहा कुछ नहीं होगा , आपका ही फायदा है और टीका लगवा दिया , जिससे उसकी मौत हो गयी।
हाथ नीला होने पर शिकायत की तो टीका लगाने वाले ने कहा – कुछ दिन में ठीक हो जायेगा लेकिन इस लापरवाही के कारण उसके बच्चें की मौत हो गयी।
सीएमओ कार्यालय के निर्देश पर काली खांसी का टीकाकरण का कैम्प आपके स्कूल में लगाया गया था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लोग आये और स्कूल में कैम्प लगाया गया। अंश का भी टीकाकरण हुआ, जिससे उसकी मौत हो गयी। परिजन टीकाकरण से मौत की बात कह रहे हैं , मौत कैसे हुई यह उन्हे नहीं पता लेकिन घर वाले कह रहे हैं टीकाकरण से मौत हुई है। टीकाकरण करने वाले ने जाने कैसे टीका लगाया जो हाथ नीला पड़ गया था।
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जिस स्कूल में टीकाकरण के बाद बच्चे की मौत की बात कही जा रही है उस स्कूल प्रबंधक ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि सीएमओ के कहने पर उनके स्टॉफ़ ने टीकाकरण किया है इसलिए उनकी जिम्मेदारी है ना कि स्कूल की।
हालांकि मौत का सही कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम हुआ है और बिसरा सुरक्षित रखा गया है ताकि सच्चाई सामने आए, जिससे कार्रवाई हो सके।