News By:Pulse24 News Desk
कोणार्क, पुरी – कोणार्क की बालुका शिल्पी सरिता गोचायत और उनकी सहयोगी गोछायत ने नवरात्रि के पावन पर्व पर एक अद्वितीय बालुका कलाकृति प्रस्तुत की है, जो न केवल कलात्मकता का परिचायक है, बल्कि एक गहरा संदेश भी देती है—“विश्व शांति”।
इस कलाकृति में मां दुर्गा का एक आकर्षक चित्रण किया गया है, जिसमें उनकी शक्ति और गरिमा को खूबसूरती से दर्शाया गया है। मां दुर्गा का मुख, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है, दर्शकों को अपनी ओर खींचता है। इसके साथ ही, दो सफेद कबूतरों का चित्रण भी किया गया है, जो शांति और प्रेम का प्रतीक माने जाते हैं।
सरिता और गोछायत की यह कलाकृति एक सामाजिक भावना को दर्शाती है, जिसमें नवरात्रि के पर्व की धार्मिकता के साथ-साथ विश्व शांति की आवश्यकता को भी उजागर कर दिया है। उनकी कलाकृति ने बड़ी संख्या में दर्शकों को एकत्रित किया, जिससे टूरिस्ट्स की एक बड़ी भीड़ देखने को मिली।
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इस प्रकार की कलाकृतियाँ न केवल कला के क्षेत्र में नूतनता लाती हैं, बल्कि वे सामाजिक और सांस्कृतिक संदेशों को भी फैलाने का कार्य करती हैं। सरिता और गोछायत की यह पहल निश्चित रूप से लोगों के दिलों में एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ रही है, और इस नवरात्रि पर उन्होंने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है।