NewsBy-Pulse24 News Desk
हापुड़,उत्तरप्रदेश– उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के गांव सबली में दीपावली के नजदीक आते ही कुम्हारों ने दीये बनाने के काम में तेजी लाना शुरू कर दिया है। इस बार उन्हें उम्मीद है कि उनकी दीपावली रोशन रहेगी। गांव में मिट्टी के दीपक, मटकी और अन्य पारंपरिक बर्तन बनाने की गतिविधियाँ जोर-शोर से चल रही हैं।
परिवारिक सहयोग
कुम्हारों के परिवार के सदस्य, विशेष रूप से बच्चे, भी इस काम में हाथ बंटा रहे हैं। कहीं बच्चे मिट्टी गूंथने में लगे हैं, तो कहीं चाक पर मिट्टी के बर्तनों को आकार दे रहे हैं। इस सामूहिक प्रयास से काम की गति बढ़ गई है और परिवार के सभी सदस्य मिलकर इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
आधुनिक तकनीक का उपयोग
कुम्हार अब इलेक्ट्रॉनिक चाक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो मिट्टी के दीयों को जल्दी और आसानी से बनाने में मदद करता है। इससे हाथों से चाक घुमाने की जरूरत नहीं पड़ती और काम भी तेज़ी से पूरा होता है। इस नई तकनीक के कारण कुम्हार कम समय में अधिक दीये बना पा रहे हैं।
मांग और वितरण
दीये बनाने वाले कुम्हारों का कहना है कि उनके द्वारा बनाए गए दीये बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली तक के लोग खरीदने के लिए आते हैं। इससे न केवल उनके आर्थिक हालात में सुधार होता है, बल्कि पारंपरिक हस्तकला की भी महत्ता बढ़ती है।
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स्वदेशी दीयों की लोकप्रियता
कुम्हारों का मानना है कि उनके बनाए हुए स्वदेशी दीये चाइनीज झालरों पर भारी पड़ेंगे। स्थानीय बाजारों में इन दीयों की मांग बढ़ती जा रही है, और लोग इसे दीवाली के त्योहार पर पसंद कर रहे है।