NewsBy-Pulse24 News Desk
अकोला, महाराष्ट्र- बडनेरा से मुर्तिजापुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 6 का निर्माण किया गया था, जिसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। हाईवे अथॉरिटी ने किसानों को उस जमीन का मुआवजा 40 लाख रुपये प्रति एकड़ देने को कहा था, लेकिन 2012 के बाद से किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।
उस मामले में जिलाधिकारी द्वारा किसानों को 15 फीसदी मुआवजा देने का आदेश देने के बाद भी हाईवे अथॉरिटी ने इस आदेश को नहीं माना और खुद ही कोर्ट में अपील की है। जिसकी वजह से इस मामले में फैसले में देरी हो रही है। इसलिए अगर अगले 7 दिनों में न्याय नहीं मिला तो पीड़ित किसानों ने आज अकोला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सामूहिक आत्महत्या करने की चेतावनी दी है।
बडनेरा से मुर्तिजापुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 6 के लिए जिन किसानों ने अपनी जमीन खोई है और उन्हें मुआवजा नहीं मिल रहा है, पीड़ित किसानों ने बताया कि तत्कालीन जिलाधिकारी ने महामार्ग प्राधिकरण के अधिकारी श्रीकांत ढगे को आदेश देकर 15% रकम जमा करने को कहा था। फिर भी जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना की गई।
किसानों ने आरोप लगाया कि श्रीकांत ढगे पूरी समस्या की जड़ है। वह सरकार प्रशासन की निरंतर दिशा भूल कर रहे है। किसानों ने यह भी कहा कि उन्होंने तत्कालीन एसडीओ से करार कर 10 लाख रुपए प्रति एकड़ से खेत बेचे थे बदले में उन्हें केवल 1.20 लाख रुपए रुपए प्रति एकड़ मुआवजा मिला।
भू संपादन सुधारित कानून के तहत उचित मुआवजा पाने के लिए वह संघर्ष कर रहे हैं ऐसा भी उन्होंने बताया। 2022 में जिलाधिकारी के माध्यम से समझौता हुआ फिर भी एक रुपैया भी नसीब नहीं हुआ 12 साल से पीड़ित किसान प्रशासन के चक्कर काट रहा है। किसानों का कहना है कि अगर अब मुआवजा न दिया तो नेशनल हाईवे पर चक्का जाम आंदोलन करेंगे और सामूहिक आत्महत्या करेंगे