Maharana Pratap :मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की जयंती साल में दो बार क्यों आती है? जानिए वीर योद्धा से जुड़े रोचक तथ्य, Great 1

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Maharana Pratap :महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल इसी तिथि को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है

Maharana Pratap :राजपूत शासक महाराणा प्रताप की जयंती को लेकर गूगल पर दो अलग-अलग तारीखें सामने आ रही हैं। किसके अनुसार 9 मई यानी आज महाराणा प्रताप की जयंती है, इसलिए कुछ लोग 22 मई को महाराणा प्रताप की जयंती मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि महाराणा प्रताप की वास्तविक जयंती 9 मई 1540 है या 22 मई, अगर आपको कोई कन्फ्यूजन है तो हम आपको बता दें कि महाराणा प्रताप की जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। इसके पीछे एक खास वजह है।

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Maharana Pratap :महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था

महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल इसी तिथि को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है। इस साल महाराणा प्रताप की 489वीं जयंती मनाई जा रही है। लेकिन इस बार उनका जन्म दिवस विक्रम संवत के अनुसार मनाया जाता है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार उनका जन्म जेठ माह की तृतीया तिथि को गुरु पुष्प नक्षत्र में हुआ था। इस कारण विक्रम संवत के अनुसार 22 मई को महाराणा प्रताप की जयंती होती है। इस बीच मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप की जयंती अंग्रेजी कैलेंडर और हिंदू पंचांग के अनुसार मनाई जा रही है।

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महाराणा प्रताप की वीरता के बारे में लगभग सभी लोग जानते होंगे। लेकिन उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें हैं जो हर कोई नहीं जानता। महाराणा प्रताप के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने कुल 11 शादियां कीं। इन राजनीतिक विवाहों से उनके 17 बेटे और 5 बेटियाँ हुईं। महाराणा प्रताप के बाद रानी अजबदे ​​के पुत्र अमर सिंह ने राजगद्दी संभाली।

एक इतिहासकार के अनुसार, महाराणा प्रताप के 24 भाई और 20 बहनें थीं। प्रताप के सौतेले भाई ने ही उन्हें धोखा दिया और अजमेर आकर अकबर से संधि कर ली। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका कहा जाता था। जब वह युद्ध में गए तो उनके पास 208 किलो वजन की दो तलवारें, 72 किलो वजन का कवच और 80 किलो वजन का एक भाला था।

महाराणा प्रताप ने अपने राज्य को मुगलों से बचाने के लिए जीवन भर कड़ा संघर्ष किया। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने जंगल में घास खाई और जमीन पर सोकर रात बिताई लेकिन अकबर के सामने इस बात को स्वीकार नहीं किया।

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