NewsBy-Pulse24 News Desk
उत्तराखंड- इस वर्ष दीपावली पर्व की तिथि को लेकर बहुत ही असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कुछ लोग 31 अक्टूबर तो कुछ लोग 1 नवंबर को दीपावली पर्व को लेकर संशय में हैं।पुरोहित महासभा अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य आचार्य रजनीश शास्त्री ने बताया कि सनातन धर्म में दीपावली का पर्व पूरे संसार में हर्षउल्लास का साथ मनाया जाता है। इस वर्ष दीपावली को लेकर भ्रम की वजह यह है कि इस साल कार्तिक अमावस्या दो दिन पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि इस बार 31 अक्टूबर को अमावस्या तिथि दिन में साढ़े तीन बजे के बाद शुरू हो रही है और एक नवंबर को शाम छह बजे के बाद संपन्न हो रही है। उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार अगर अमावस्या तिथि दो दिन रहती है तो प्रदोष काल में अगर अगले दिन व्याप्त है तो उसी दिन मनाई जानी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि दूसरे दिन अमावस्या भले ही प्रदोष में न हो लेकिन अमावस्या साढ़े तीन प्रहर से अधिक है तो दूसरे दिन ही लक्ष्मी पूजन सही है तो दीपावली दूसरे दिन ही शास्त्र सम्मत है। साथ ही एक नवंबर को स्वाति नक्षत्र और उदयातिथि होने पर दीपावली और महालक्ष्मी पूजन एक नवंबर को ही उचित होगा।