NewsBy-Pulse24 News Desk
छत्तीसगढ़- जांजगीर में बीएड कॉलेजों की मनमानी सामने आई है। शिक्षा को व्यापार बनाकर छात्र-छात्राओं के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है. ज्ञान रोशनी कॉलेज द्वारा बीएड के छात्र-छात्राओं से अधिक राशि वसूल करने का आरोप है. जिसके चलते छात्रा ने बीएड में एडमिशन नहीं ले पाई। वहीं अधिक शुल्क लेने के मामले को लेकर कलेक्टर आकाश छिकारा को ज्ञापन सौंपा गया है और NCRT के द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने वाले कॉलेजों पर कार्रवाई की मांग की है।
शिकायत देने छग प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ के सदस्य भी पहुंचे थे। विडंबना यह है कि कॉलेज प्रबंधकों पर कार्रवाई नहीं होने से उनके हौशले बुलंद हैं और मनमाने तरीके से फीस वसूल की जा रही है. हालांकि इस मामले में अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
छात्रा मनीषा यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ज्ञान रोशनी कॉलेज में एडमिशन सूची में उनका नाम आया है और 25 अक्टूबर को एडमिशन का अंतिम दिन रहा. कॉलेज में निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने की वजह से छात्रा को एडमिशन रिजेक्ट करना पड़ा। छात्रा ने आगे बताया कि NCRT के द्वारा निर्धारित शुल्क एक वर्ष का लगभग 32 हजार रूपए है, लेकिन कॉलेज में मनमाने तरीके से एक वर्ष का शुल्क 45 से 50 हजार रूपए वसूला जा रहा है। इसके चलते मनीषा यादव को एडमिशन रिजेक्ट करना पड़ा।
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इसके बाद कलेक्टोरेट पहुंच कर मनमाने तरीके से निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने वाले कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। अब देखने वाली बात होगी कि ज्ञान रोशनी कॉलेज प्रबंधक सहित अधिक फीस वसूलने वाले वाले प्रबंधको के खिलाफ कार्रवाई की जाती है या इसी तरह से कॉलेज प्रबंधक शिक्षा को व्यापार बनाकर अपनी रोटी सेंकते रहेंगे।