NewsBy-Pulse24 News Desk
हुबली,कर्नाटक- यह बयान श्रीराम सेना प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने कर्नाटका के धारवाड़ जिले में एक संवाददाता सम्मेलन में दिया , जहां उन्होंने वक्फ बोर्ड से जुड़े कई गंभीर आरोप लगाए। प्रमोद मुथालिक ने वक्फ बोर्ड को लेकर एक अत्यंत विवादास्पद टिप्पणी की और इसे देश के लिए एक बड़ा खतरा बताया। उनका आरोप था कि वक्फ बोर्ड ने भारतीय भूमि पर बड़े पैमाने पर कब्जा किया है, और यह देश के भविष्य के लिए गंभीर परिणाम हो सकता है।
प्रमोद मुथालिक के मुख्य बिंदु:
- वक्फ बोर्ड का भूमि कब्जा: प्रमोद मुथालिक ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने देश की 9 लाख 40 हजार एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया है, जबकि 2006 में यह आंकड़ा 20 लाख एकड़ था। उन्होंने कहा कि अगर चार मुस्लिम देशों को मिलाकर भी इतनी भूमि नहीं मिलती, तो भी वक्फ बोर्ड ने इतना जमीन कब्जा कर लिया है।
- 2047 में इस्लामिक राज्य की संभावना: प्रमोद मुथालिक ने यह भी दावा किया कि यदि इसी तरह से वक्फ बोर्ड द्वारा भूमि पर कब्जा किया जाता रहा, तो 2047 तक भारत को एक इस्लामिक देश में बदल दिया जाएगा। उनका कहना था कि इस्लामिक आबादी के विस्तार के कारण देश की सत्ता पर भी खतरा मंडरा सकता है।
- केंद्र सरकार का वक्फ कानून में संशोधन: मुथालिक ने केंद्र सरकार द्वारा वक्फ कानून में संशोधन करने की बात भी उठाई, और आरोप लगाया कि संशोधन के बाद देश भर में मुसलमानों ने दंगे किए, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा और अस्तित्व पर सवाल उठे हैं।
- कांग्रेस पर आरोप: उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो कुछ भी हो रहा है, वह कांग्रेस के कारण हुआ है और यह देशद्रोह की श्रेणी में आता है। उनका कहना था कि कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड को यह अधिकार दिया, और इसके कारण ही देश में सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो रही है।
- वक्फ बोर्ड की ताकत और नियंत्रण: मुथालिक ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड का प्रभाव अब एक वायरस की तरह फैल चुका है, और इसकी वजह से सरकारी दफ्तर, सड़कें और अन्य सार्वजनिक स्थान भी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने इसे “वक्फ वायरस” के रूप में भी संदर्भित किया।
- जमीर अहमद पर टिप्पणी: मुथालिक ने कर्नाटका के एक नेता जमीर अहमद पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि जमीर अहमद की वजह से हजारों किसान परेशान हो रहे हैं और उनकी ताकत बढ़ती जा रही है। उन्होंने जमीर को “गद्दार” बताया और कहा कि उन्हें सजा दी जानी चाहिए। मुथालिक ने यहां तक कह दिया कि जमीर अहमद को फांसी दी जानी चाहिए।
- धारवाड़ जिले का उदाहरण: मुथालिक ने धारवाड़ जिले के ओपिन बेटागेरी और गारग जैसे क्षेत्रों का उदाहरण दिया, जहां वक्फ भूमि पर कब्जा किए जाने के बारे में उन्होंने गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि यहां वक्फ बोर्ड की इमारतों पर बोर्ड लगाए गए हैं, और इनमें मस्जिद और मदरसे चल रहे हैं।
- वक्फ बोर्ड और सरकारी इमारतें: मुथालिक ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड ने सरकारी इमारतों पर कब्जा किया है, जिनमें मदरसे और मस्जिदें स्थित हैं। इस संदर्भ में उन्होंने कर्नाटका के होनागोडु गांव और धारवाड़ जिले का उदाहरण दिया, जहां वक्फ बोर्ड की गतिविधियां बढ़ी हैं।
आलोचना और विवाद:
प्रमोध मुथालिक के ये बयान अत्यधिक विवादास्पद हैं, और इनसे एक धार्मिक और राजनीतिक घमासान उत्पन्न होने की संभावना है। उनके आरोपों में वक्फ बोर्ड पर कब्जे और इस्लामिक राज्य बनाने की संभावना को लेकर गंभीर विचार व्यक्त किए गए हैं। उनके इस बयान ने देश में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है, और कई राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों की ओर से इन बयानों पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं।
सरकार की भूमिका:
मुथालिक ने यह भी दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार इस मामले से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। उनका कहना था कि सरकार हिंदू धर्म की रक्षा के लिए काम कर रही है और वक्फ बोर्ड के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
समग्र परिप्रेक्ष्य:
इस पूरे बयान को भारत में सांप्रदायिक और राजनीतिक रूप से अत्यधिक संवेदनशील मुद्दे के रूप में देखा जा रहा है। वक्फ बोर्ड का भूमि कब्जा, धार्मिक उन्माद और कानूनों में संशोधन से संबंधित विषयों पर बढ़ती बहस ने इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर और भी जटिल बना दिया है।