NewsBy-Pulse24 News Desk
सागर- बीते 18 अक्टूबर को महिला बाल विकास परियोजना, मालथौन में एक बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ, जिसमें आधार ऑपरेटर द्वारा कंप्यूटर के हार्ड डिस्क और मदरबोर्ड की चोरी और फर्जी आधार कार्ड बनाने की जानकारी सामने आई। यह पूरा मामला न केवल एक गंभीर कानूनी उल्लंघन है, बल्कि इससे संबंधित कई अधिकारी और विभागीय अधिकारी भी संलिप्त नजर आ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, आधार ऑपरेटर ने मालथौन परियोजना के डेस्कटॉप कंप्यूटर से हार्ड डिस्क और मदरबोर्ड चुराए और इन्हें खिमलासा में एक अन्य स्थान पर लेकर जाकर मशीन का संचालन किया। यहां पर फर्जी आधार कार्ड बनाए गए, और लोगों से मनमानी वसूली की गई। यह पूरी प्रक्रिया एक सोची-समझी साजिश के तहत चल रही थी, जहां ऑपरेटर के नाम पर किसी और को परियोजना में बैठा दिया जाता था, और वास्तविक आधार कार्ड निर्माण का कार्य किसी अन्य स्थान पर किया जाता था।
इस मामले को लेकर महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी, मालथौन ने जानकारी दी कि इससे पहले मार्च माह में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई थी, जब ऑपरेटर ने मशीन बंद करने के बावजूद बिना अनुमति के मशीनें चालू कर दी थीं। इस बार सीएससी प्रबंधक के द्वारा मशीनें चालू कराई गई थीं, जिसे लेकर पहले भी पत्राचार किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, यह पूरी घटना एक कानूनी अपराध के रूप में सामने आई है। महिला बाल विकास विभाग ने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए ऑपरेटर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए थाने में पत्र दिया है।
महिला बाल विकास परियोजना की ओर से ये आरोप लगाया गया है कि सीएससी प्रबंधक अमित ठाकुर ने आधार जैसी संवेदनशील जानकारी को बिना सही निगरानी के जिम्मेदार व्यक्तियों के हाथों में सौंप दिया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सीएससी प्रबंधक की जिम्मेदारी थी कि वह ऑपरेटरों पर कड़ी निगरानी रखें, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण यह घटना घटी।
महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बताया कि पहले मार्च में भी इसी प्रकार की घटना में मशीनें बिना अनुमति के चालू की गई थीं, और सीएससी प्रबंधक को पहले ही इस बारे में सूचित किया गया था। बावजूद इसके, उन्होंने सही कदम नहीं उठाया, जिसके कारण अब यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
इस मामले में मालथोन थाना प्रभारी से भी बातचीत की गई, जिन्होंने बताया कि महिला बाल विकास की ओर से भेजे गए पत्र की जांच चल रही है। 18 अक्टूबर को ऑपरेटर को मालथोन में अवैध रूप से आधार बनाते हुए पकड़ा गया था। थाना प्रभारी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें अभी तक सीएससी प्रबंधक की ओर से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। इसके बावजूद थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस जांच की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
महिला बाल विकास विभाग ने आधार ऑपरेटर और सीएससी प्रबंधक दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है। विभाग का कहना है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी ने यह भी कहा कि इस घटना के बाद, विभाग ने सुनिश्चित किया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित निगरानी और जांच प्रक्रिया को और सख्त किया जाएगा।
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महिला बाल विकास विभाग ने सीएससी प्रबंधक को दोषी ठहराया है कि उन्होंने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाने में असफल रहे। अब यह देखना होगा कि पुलिस और अन्य जांच एजेंसियाँ इस मामले में किस तरह की कार्रवाई करती हैं और दोषियों को किस हद तक सजा दिलवाती हैं।