NewsBy-Pulse24 News Desk
ठाकुरगंगटी, झारखण्ड- झारखंड राज्य के गोड्डा जिले के धमनी बाजार में इस वर्ष (2024) भी छठ पूजा को श्रद्धा और आस्था के साथ धूमधाम से मनाया गया। गुमानी नदी स्थित बड़ा धमनी छठ घाट पर गाजे-बाजे के साथ सूर्य भगवान और छठ माता की प्रतिमाएं स्थापित की गईं। पूजा के इस अवसर पर पंडितों द्वारा बेद मंत्रों के साथ धार्मिक अनुष्ठान किए गए, जिससे पूरे वातावरण में आस्था और भक्ति का माहौल था।
इस पर्व के दौरान सूर्य भगवान के अस्त होते समय लाखों श्रद्धालुओं ने उनके प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हुए अर्ध्य (जल अर्पण) दिया। छठ व्रति माताएं, जो दो दिनों तक भूखे और निराधार रहकर छठी मां का व्रत करती हैं, उनके द्वारा इस धार्मिक अनुष्ठान को बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न किया गया। खास बात यह रही कि इस दौरान पूरे घाट पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु जमा हुए थे, और उनका उत्साह व आस्था देखने लायक था।
मेला और घाट पर भक्तों की भारी भीड़
घाट पर ग्रामीणों के सहयोग से भव्य गेट बनाए गए थे, और हर तरह की व्यवस्थाएं की गई थीं। छठ घाट पर श्रद्धालुओं के लिए पानी की व्यवस्था, रास्तों की सफाई, और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखा गया। सबसे खास बात यह रही कि घाट पर लंबी कतार में श्रद्धालु, विशेष रूप से महिलाएं, सूप में अर्ध्य देने के लिए खड़ी थीं, जो एक बहुत ही आत्मीय दृश्य था।
सूर्य को अर्ध्य अर्पित करने के लिए महिलाएं सुबह से ही घाट पर पहुंच चुकी थीं और उन्होंने नदी के किनारे जाकर सूर्य देवता को जल अर्पित किया। इस दौरान छठ पूजा समिति ने भी विशेष व्यवस्था की थी, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। घाटों पर प्रशासनिक टीम ने सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित की थी।
छठ पूजा समिति का योगदान और आस्था का पर्व
छठ पूजा समिति ने बताया कि छठ पूजा एक आस्था का पर्व है, जो सूर्य देवता के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। यह पर्व खास तौर से झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर लाखों श्रद्धालु छठ व्रत करने के लिए घाटों पर आते हैं, जो अपने जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और घर में शांति की कामना करते हैं।
छठ पूजा का यह आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह पर्व समाज में एकता, भाईचारे और पारिवारिक सहयोग को बढ़ावा देने वाला भी है। हर वर्ष की तरह इस साल भी धमनी बाजार के छठ घाट पर इस पर्व को लेकर लोगों में गजब का उत्साह देखा गया, और लाखों श्रद्धालुओं ने इस विशेष दिन को बड़े श्रद्धा भाव से मनाया।
सभी वर्गों का सहयोग और समुदाय की भावना
छठ पूजा के आयोजन में ग्रामीणों का सहयोग विशेष रूप से उल्लेखनीय था। सभी वर्गों के लोग मिलकर इस आयोजन में सहभागी बने थे, और हर कोई इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहा था। इस आयोजन ने छठ पूजा की परंपरा को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और एकता का संदेश दिया।
इस भव्य आयोजन के दौरान, धूमधाम और श्रद्धा से भरे इस पर्व ने यह सिद्ध कर दिया कि छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की एक अमूल्य धरोहर है, जो हर वर्ष और भी अधिक श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई जाती है।