बरेली में अग्निशमन सुरक्षा को लेकर प्रशासन का अलर्ट

बरेली में अग्निशमन सुरक्षा को लेकर प्रशासन का अलर्ट

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बरेली , उत्तर प्रदेश – झांसी के मेडिकल कॉलेज में हाल ही में हुई घटना, जिसमें 11 मासूम बच्चों की मौत हुई थी, के बाद बरेली जिले में अग्निशमन सुरक्षा को लेकर प्रशासन जाग गया है। यह घटना एक बड़ी चेतावनी के रूप में सामने आई है, और इसके परिणामस्वरूप बरेली के अस्पतालों में फायर एनओसी ( अग्निशमन सुरक्षा प्रमाणपत्र ) की अनदेखी करने वाले अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

11 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद यह मुद्दा सुर्खियों में आया। इस घटना ने अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर किया, खासकर अग्निशमन सुरक्षा के मामले में। झांसी में हुई घटना के बाद, बरेली जिले में भी अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण इस बात का पता लगाने के लिए था कि जिले के अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा के मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं। निरीक्षण में सामने आया कि बरेली जिले में 28 अस्पताल ऐसे हैं जो बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं। यह अस्पताल किसी भी समय बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं, क्योंकि अग्निशमन सुरक्षा की सही व्यवस्था ना होने से आग लगने की स्थिति में बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।बरेली के सीएफओ की निष्क्रियता को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जिन्होंने पहले इन अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा के लिए उचित कदम नहीं उठाए थे। अब उनकी निष्क्रियता के कारण बरेली के लोगों की जान खतरे में है, खासकर जब ऐसे अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।

प्रशासन इन 28 अस्पतालों के संचालन पर रोक लगाने की तैयारी कर रहा है, जो अग्निशमन सुरक्षा के मानकों को पूरा नहीं करते। यह कदम लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया जा रहा है। सीएफओ बरेली ने इन अस्पतालों के प्रशासन को नोटिस भेज है और उन्हें जल्द से जल्द अग्निशमन सुरक्षा के प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने का आदेश दिया है। बिना फायर एनओसी के इन अस्पतालों का संचालन जारी रखना अब संभव नहीं होगा। बरेली के डीएम ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और अस्पतालों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। डीएम बगैर एनओसी के अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई करने में जुटे हैं जिससे आगे कोई भी बड़ा हादसा न हो सके।

बरेली जिले के अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा के मानकों का पालन न होने से बड़ी दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। अगर समय रहते इन अस्पतालों को फायर एनओसी नहीं मिलती, तो यहां किसी भी प्रकार की आग या दुर्घटना होने पर जनहानि हो सकती है। झांसी की घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा के महत्व को नज़रअंदाज़ करना जानलेवा साबित हो सकता है।बरेली प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है और बिना एनओसी वाले अस्पतालों को जल्द से जल्द नियमों के तहत फायर सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करने का आदेश दिया है। अस्पताल प्रशासन को नोटिस देने के बाद, उन्हें जल्द से जल्द सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कहा गया है, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि स्वास्थ्य संस्थाओं को केवल चिकित्सा सेवाएं ही नहीं, बल्कि सुरक्षा के मानकों का भी पूरी तरह से पालन करना चाहिए, ताकि किसी प्रकार का अप्रिय हादसा न हो।


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