गुरु नानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा: श्रद्धा, सेवा और आध्यात्मिकता का पावन संगम

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गुरु नानक जयंती सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मोत्सव के रूप में बड़े श्रद्धा और उल्लास से मनाई जाती है। इस दिन प्रभात फेरियाँ निकाली जाती हैं, गुरुद्वारों में अखंड पाठ और कीर्तन का आयोजन होता है तथा लंगर के माध्यम से सेवा और समानता का संदेश दिया जाता है। गुरु नानक देव जी के उपदेश—सत्य, करुणा और मानवता—लोगों को एक-दूसरे के प्रति प्रेम और भाईचारे की भावना सिखाते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक पावन तिथि मानी जाती है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करते हैं और दीपदान का विशेष महत्व होता है। कई स्थानों पर मेले और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। यह पर्व आत्मशुद्धि, आस्था और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है, जो समाज में शांति और सद्भावना का संदेश देता है।