विजय दिवस 1971: 13 दिनों के युद्ध ने कैसे बदला दक्षिण एशिया का इतिहास

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विजय दिवस का पावन अवसर है। 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध, जो मात्र 13 दिनों में समाप्त हुआ, ने न केवल पाकिस्तानी सेना के 93,000 सैनिकों का आत्मसमर्पण कराया, बल्कि बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उदय का मार्ग प्रशस्त किया। 1971 की शुरुआत में पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) में पश्चिमी पाकिस्तान के अत्याचार चरम पर थे। 26 मार्च 1971 को शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में स्वतंत्रता की घोषणा हुई। लाखों शरणार्थी भारत पहुंचे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मुक्ति वाहिनी का समर्थन किया। 3 दिसंबर को पाकिस्तान ने हमला बोला, लेकिन भारत ने 4 दिसंबर को ऑपरेशन ट्राइडेंट से जवाब दिया। नौसेना ने कराची बंदरगाह पर आक्रमण कर पाकिस्तानी नौसेना को ध्वस्त कर दिया । 16 दिसंबर 1971 को ढाका में लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के. नियाजी ने लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण किया। 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने हथियार डाले। इससे बांग्लादेश स्वतंत्र राष्ट्र बना।