NEWS BY: Pulse24 News
उत्तरकाशी , उत्तराखंड – ज्योतिषपीठाधिश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अवि मुकतेश्वरानंद महाराज आज सोमवार को शीतकालीन चारधाम यात्रा पर यमुनोत्री धाम के मुख्य पड़ाव बड़कोट पहुंचे। बड़कोट में यमुनोत्री प्रेस वार्ता मे कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को समुदाय विशेष की घनीभूत बस्तीयों के बसावट को रोकने के लिए क़ानून बनाना चाहिये , जिससे देवभूमि की डेमोग्राफी परिवर्तित न हो। शंकराचार्य ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम शीतकालीन यात्रा का फल ग्रीष्मकालीन यात्रा के फल से कई गुना अधिक है। उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष भर चलती है , यहां धामों में कभी पूजा बंद नहीं होती है। चारधाम के पट बंद होने का मतलब यात्रा का बंद होना नहीं है। भगवान की पूजा बारह महीने होती है। छह माह ग्रीष्म कालीन स्थलों पर तो छह माह शीतकालीन गद्दी स्थलों पर पूजन होता है। लोगों में भ्रम की स्थिति हो जाती है कि चार धाम के कपाट बंद होने पर यात्रा बंद हो जाती है। जगत गुरु शंकराचार्य ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा यहां के लोगों की आर्थिकी व उन्नति से जुड़ी हुई है.उन्होंने कहा कि हमारी बातों को अन्यथा लिया जाता है.बोलने व समझने में बहुत बड़ा अंतर होता है.शंकराचार्य ने चिपको आंदोलन की यादों को ताज़ा करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया.2008 में गंगा आंदोलन के बारे में कहा कि हमने गंगा की धारा को अविरल बनाने के लिए आंदोलन चलाया लेकिन लोगों ने उसका महत्व नहीं समझा और हम पर विकास विरोधी ठप्पा लगा दिया। कस्तूरबा गाँधी आवसीय विद्यालय गंगनानी की छात्राओं ने सरस्वती वंदना,स्वागत गीत व नृत्य की प्रस्तुति देकर शंकराचार्य का स्वागत किया। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने शीत काल में यात्रा का विशेष महत्व बताया व सरकारों को कानून बनाने की हिदायत दी।