NewsBy-Pulse24 News Desk
पुरी , ओडिशा – कार्तिक माह की एकादशी को देव उठवां एकादशी कहा जाता है, जिसे विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का दिन माना जाता है। यह दिन तब आता है जब भगवान विष्णु चार माह के शयन काल से उठते हैं। इस दिन भक्तों का विश्वास है कि भगवान विष्णु और उनके अवतार श्री जगन्नाथ जी इस दिन अपनी नींद से जागते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु बड़े श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं। पंचुक का पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है और इसे पंचक संक्रांति भी कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसमें विशेष पूजा, आरती और दीप जलाए जाते हैं। इस दिन को लेकर भक्तों में गहरी आस्था होती है और उन्हें विश्वास होता है कि इस दिन की पूजा से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सुबह से ही पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर में , भगवान श्री जगन्नाथ के दर्शन के लिए लाखों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भक्त मंदिर पहुंचने के बाद लम्बी – लम्बी कतारों में खड़े हो कर महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की एक झलक पाने के लिए इंतजार करते दिखाई दिए। मंदिर परिसर में भव्य सजावट और विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय पंडितों और पुजारियों ने महाप्रभु की विशेष पूजा की। इस दिन की विशेषता यह है कि श्री मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ उनकी भाई बालभद्र और बहन सुभद्राजी की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है। भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ तीनों देवताओं की पूजा करते हैं और भगवान से अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और धार्मिक आशीर्वाद की कामना करते हैं। आज के दिन, श्री जगन्नाथ मंदिर में पहुंचने वाले भक्तों की आस्था और विश्वास देखते ही बनते थे। मंदिर में पूजा के बाद, भक्तों को महाप्रभु श्री जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और उन्होंने अपनी यात्रा को पुण्यकारी और सफल माना।
देव उठवां एकादशी और पंचुक के शुभ अवसर पर श्री जगन्नाथ मंदिर में भक्तों की उमड़ी हुई भीड़ और उनका श्रद्धा भाव इस बात को दर्शाता है कि श्री जगन्नाथ जी के प्रति भक्तों की श्रद्धा और आस्था कितनी गहरी है। इस दिन के दर्शन से भक्तों को मानसिक शांति, आंतरिक सुख और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त होने का विश्वास होता है। यह दिन ओडिशा के साथ साथ भारत भर के लाखों श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक पुण्यदायक और महत्वपूर्ण माना जाता है।