NEWS BY: Pulse24 News
हजारीबाग , झारखण्ड – विनोबा भावे विश्वविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने एसीपी (ACP) और एमएसएपी (MSAP) से संबंधित अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने एक दिवसीय धरना का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता करते हुए संजीत पासवान ने आज दिन भर उपवास भी रखा। कर्मचारी विश्वविद्यालय के वित्त समिति के उसे निर्णय का विरोध कर रहे थे जिसमें यह प्रस्ताव लिया गया था कि उनके एसीपी और एमएसएपी का भुगतान अब बंद कर दिया जाएगा। कर्मचारी यह तर्क दे रहे थे कि उनको अपनी पूरे सेवा काल में आज तक किसी भी पदोन्नति का लाभ नहीं मिला। अब इस भुगतान के बंद हो जाने से उनके साथ घोर अन्याय होगा।
कर्मचारियों से वार्ता करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सादिक रज्जाक, जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ सुकल्याण मोइत्रा, शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ सुबोध कुमार सिंह तथा वरीय शिक्षक डॉ केदार सिंह धरना स्थल पर पहुंचे। सबसे पहले शरबत पिलाकर अनशन को तुड़वाया गया। कर्मचारी ने एक ज्ञापन कुलसचिव को सौपा। वार्ता करते हुए कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने राजभवन के बैठक में लिए गए प्रस्ताव एवं राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया विश्वविद्यालय के लिए नियम-परिनियम के प्रावधानों को भी दिखाया। कर्मचारियों ने बताया कि मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उच्च न्यायालय के निर्णय के आने तक यथास्थिति बनाकर रखी जाए। अर्थात भुगतान बंद नहीं किया जाए।कुलसचिव ने आश्वासन दिया कि वह जल्द कर्मचारियों के तीन प्रतिनिधियों के साथ विश्वविद्यालय के कुलपति और वित्त सलाहकार के बीच बैठक की व्यवस्था करेंगे।