NEWS BY: Pulse24 News
हजारीबाग , झारखण्ड – पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा झारखंड- बंगाल अंतरराज्यीय सीमा पर आलू की आपूर्ति रोके जाने के बाद झारखंड में आलू की कीमत पर तेजी से इजाफा हुआ है। इस मामले को मंगलवार को देश के सर्वोच्च सदन लोकसभा के पटल पर वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने पुरजोर तरीके से उठाया। सांसद मनीष जायसवाल ने सदन पटल पर इस संबंध में मुखरता से झारखंड की जनता की आवाज़ बनकर बात रखते हुए कहा की पश्चिम बंगाल सरकार की नीतियों के कारण झारखंड में आलू की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है और यह झारखंड के लिए वर्तमान समय में उत्पन्न अत्यंत गंभीर मुद्दा बन गया है। इस और सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उन्होंने कहा कि आलू गरीबों का निवाला है और इसका पौष्टिक संतुलन में बड़ा रोल है। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की सरकार ने बॉर्डर पर एक राज्य से दूसरे राज्य में जो खदान जाते हैं उससे संबंधित कानून का धत्ता बताते हुए हजारों आलू लदे ट्रक को रोक दिया और जबरन वापस करने का निर्णय लिया। सांसद मनीष जायसवाल ने पुणे यह दोहराया कि आलू गरीबों के निवाला से जुड़ा सब्जी है और झारखंड में गरीब लोग आलू की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि होने से बेहद परेशान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आलू का उत्पादन काम हुआ है तो इसके कीमत में संतुलन बना रहे इसके लिए केंद्र सरकार को इस जनहित के मुद्दे पर यथाशीघ्र हस्तक्षेप करना जरूरी है ।